ऐसा शक़्स जो ज़िंदा तो था लेकिन उसका दिल धड़कता नहीं था!

दोस्तोँ इंसान तब तक नहीं मरता जब तक उसका दिल धड़कता रहे और साँसे चलती रहें लेकिन अगर मैं कहूं की इस दुनिया में एक ऐसा शक़्स भी रहा है जो ज़िंदा तो था लेकिन उसका दिल धड़कता नहीं था तो शायद आप इस पर यकीन न करें। लेकिन यह सच्ची कहानी है अमेरिका के क्रैग लविस की जिनके दिल के आसपास कुछ प्रोटीन्स क्लोज हो गए थे और उनके दिल ने सही से काम करना बंद कर दिया था।

डॉक्टरों के मुताबिक क्रैग सिर्फ कुछ घंटो के मेहमान थे जब उनकी बीवी ने एक मुश्किल फैसला लिया।सोहन और फ़रज़ियर नाम के दो डॉक्टर्स ने क्रैग के 38 बछड़ों पर आर्टिफीसियल हार्ट का सक्सेसफुल ट्रायल किया था और वह अब इसे इंसानो पर try करने के लिए तैयार थे। उन्होंने क्रैग के लेफ्ट और राइट वेंट्रिकल्स को दो सेपरेट वेंट्रिकुलर असिस्ट्स से रेप्लस कर दिया।

अब यह रोटर्स ब्लेड्स क्रैग के दिल से ब्लड फ्लो तो मेन्टेन कर पा रहे थे लेकिन क्रैग का दिल धड़क नहीं रहा था। उनकी बीवी ने बताया की उनकी छाती पर सर लगाने पर कोई धड़कन सुनाई नहीं पड़ती थी और न ही मशीन पर कुछ आता था पर वह ज़िंदा थे किसी भी इंसान की तरह वह कुर्सी पर बैठ सकते बात कर सकते।

हालाँकि शुरूआती रिकवरी के बाद क्रैग की बिमारी किडनी और लिवर तक भी पहुँच गयी जिसके बाद क्रैग बिना किसी पल्स के 1 महीने से ज्यादा ज़िंदा तो रहे लेकिन फिर उनकी ऑर्गन्स ने जवाब दे दिया और उनकी हॉस्पिटल में मौत हो गयी।

 

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