ऑइल प्लांट की एक चिमनी में ही आग क्यों जलती है?

दोस्तों आपने कईं बार देखा होगा की एक ऑइल प्लांट में एक ऊंची चिमनी लगी होती है जिसके ऊपर हमेशा आग जलती रहती है लेकिन दोस्तों आपने कभी सोचा है की इस चिमनी को क्या कहते हैं और इसमें लगातार आग क्यों जलती रहती है?अगर नहीं तो मैं आपको बताता हूँ। दोस्तों इस चिमनी को फ्लेयर कहा जाता है और यह तेल और गैस रिफायनिंग प्लांट की सुरक्षा प्रणाली का एक बेहद ज़रूरी हिस्सा है।

दोस्तों कच्चे तेल और गैस की रिफाइनिंग में तो वैसे कुछ भी जाया नहीं होता और हर बिप्रोडक्ट को रीसायकल या reuse किया जाता है। लेकिन इसके बावजुद कुछ ऐसी भी गैसें बच जाती हैं जिनका कोई इस्तेमाल नहीं होता | Refineries में मौजूद इन फ्लेयर्स में इन्ही एक्स्ट्रा हाइड्रोकार्बन गैसेस को जलाया जाता है और इस प्रक्रिया को फ्लॉरिंग कहते हैं। इन गैसेस के जलने की प्रक्रिया हमारे घर में एलपीजी के जलने के जैसी ही है एलपीजी की ही तरह इन गैसेस के जलने पर कोई दुआ नहीं निकालता |

Flaring के दौरान एक्सेस गैसेस को हवा और स्टीम के साथ कंबाइन करके इस फ्लॉरिंग सिस्टम में जलाया जाता है जो बदले में कार्बन डाइऑक्साइड और वाटर वपूर्स बनाते हैं। हालाँकि काम से काम गैस वास्ते हो और जलानी पड़े इसके लिए फ्लारे सिस्टम का जितना हो सके काम ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन फिर भी प्लांट के स्टर्ट या शटडाउन के समय और पावर आउटेज जैसी स्थिति में फ्लारे सिस्टम का इस्तेमाल होता ही है।

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