देर तक पानी में रहने पर अंगुलियों में झुर्रियां क्यों पड़ती हैं?

दोस्तां क्या आप जानते हैं, गटर के ढक्कन  गोल क्यों  होते हैं या फिर  यह की ज्यादा देर पानी में रहने के बाद हमारे हाथों पाए झुर्रियां क्यों जाती हैं ?
अच्छा यह तोह पता होगा की सोडा की बोतल के निचे वह उभरा हुआ निशान क्यों होता ह। क्या यह बस दिखावे के लिए होता,दोस्तों ऐसी बोहोत सी बातें हैं जिसके बारे में या तो आपने कभी सोचा नहीं है या तो जो सोचते हैं वह तथ्य नहीं,खैर वह तथ्य ही क्या जो सोचने पर मजबूर कर दे,तोह हाज़िर हूँ मैं एक बार भीड़ लेकर कुछ नए और चौका देने वाले फैक्ट्स की बौछार लेक।
तोह खोल लीजिये अपने दिमाग का छाता और इस प्रकार लीजिये  अपने नाज़ुक कानों में उन कीमती हेडफोन्स को, बिना एक भी पल  और गवाए शुरू करते हैं फैटिफ़िएड हिंदी पर आज का यह अनोखा   सफर 

 

1.के गोल क्यों होते है ज्यादार गटर के ढक्कन?

 

दोस्तों  आपने  भी देखा  होगा  की गटर के  ढक्कन अदिकतर हमे  गोल  ही  देखने  को  मिलते हैं , जानते हैं क्यों?दरअसल  इनका  आकर  गोल  होने  के  पीछे  रचनात्मिक  कारन  हैं , पहला  तोह  यह  की  एक  गोलाकार ढक्कन  आसानी  से फिट  हो  जाती  है  जबकि  अगर  यह  ढक्कन  स्क्वायर  या  रेक्टेंगल  होता  तोह  इसे  उसी   तरीके  से  फिट  करना  पड़ता  जैसे  इसे  बनाया  गया  था  

और  दूसरा  यह  की  एक स्क्वायर  मैनहोल कवर तोह गटर  में  गिर  भी सकता  है  लेकिन एक राउंड  मैनहोल  का ढक्कन  गड्ढे  से बड़ा  व्यास   होने  के कारन उसमे गिर  नहीं सकती .यह  ढक्कन  सुरक्षित होने  के  साथ  साथ  आसानी से खुलता और बंद होता ह। इसे इस्तेमाल करना और कही लेकर जाना भी आसान होता ह। इसलिए वविश्व में सभी जगह गटर का ढक्कन ज्यादातर गोल ही होते है

 

  2.क्यों आती है आपकी उँगलियों में झुर्रियां ?

 

दोस्तों नदी में नहाने के बाद हमारे हाथ और पैरों की अंगुलिआं हों या फिर कपडे धोने के बाद हमारी माओं के हाथ आपने भी गौर किया होगा की पानी में ज्यादा देर रहने के बाद हमारे हाथों पर झुर्रियां सी पड़ जाती हैं लेकिन क्या कभी सोचा है ऐसा क्यों ?

अगर नहीं सोचा तोह बतादूँ की यह हमारी शरीर की क्रमागत उन्नति का भाग है।हमारे हाथ और पैरों की अंगुलिओं पर एक चिकनी चमरि  होती है जिसे गलब्रॉस कहते है।तो होता क्या है की जब हाथ बहुत देर तक पानी में रहता है, तो दिमाग पानी में डूबे हुए हिस्से की तरफ एक न्यूरल मैसेज भेजता है।

इस मैसेज से ग्लबरौस के नीचे स्थित हाथ की नसें सिकुड़ जाती हैं। लेकिन जैसा की मैंने बताया की यह चमड़ी बहुत ही मुलायम  और चिकनी होती है, इसी के चलते नसों के सिकुड़ने पर चमड़ी इन नसों पर एक गीले कपड़े की तरफ चिपक जाती है और हमारी चमड़ी हमे झुर्रीदार नज़र आती है।तोः अगली बार ऐसा हो जाएँ तोह घबराने की ज़रूरत नाहि, यह स्वाभाविक है।

 

3.राज़  सोडा की बोतलें का

 

दोस्तों  आपने देखा  होगा की यहाँ  पानी  की  और  जूस  की  बोतलें का  निचला हिस्सा  ज्यादातर  चपटा  ही होता  है  लेकिन  सभी  सोडा  और  सॉफ्टड्रिंक  की  बोतलें के नीचे उभरा  हुआ  आकर  होता  है  जिसका  इस्तेमाल  हमारे  कलाकार बरी रचनात्मकता के साथ करते है,तो क्या ये डिज़ाइन सिर्फ उसी लिए होता है ? जवाब  है  नहीं दोस्तों  सोडा  की  इन  प्लास्टिक की बोतलें के नीचे यह उभरा आकर  विशेष उद्देश्य  के  लिए  होते  हैं और इनका  उद्देश्य हेता है बॉटल की ताकत को  बढ़ान। जी  हाँ सॉफ्ट ड्रिंक्स ज्यादातर ठंढे ही पी जाती  है और तापमान में बदलाव के बदले में बॉटल में माउज़ूद तरल  की मात्रा के साथ गत भी बढ़ती है

 

ऊपर से  इन  ड्रिंक्स  में कार्बन डाइऑक्साइड गैस का  भी  इस्तेमाल  होता  है। ऐसे  में  बॉटल का  आकर  ऐसा  होना  चाहिए  जो  दबाव  को  झेलने  के  साथ  साथ  इतना  मजबूत  भी  हो की  हलके  प्रभाव पे  फैट    जाए … .अब  दोस्तों  आपको मैंने एक  दूसरे  एपिसोड में  बताया  था  की  हाई  प्रेशर  तरल पदार्थ या  गैसों को  ऐसे  बोतल में  सरखा  जाता  है  जिसमे  कोई  ढीले कोने ना हो, क्यूंकि  इन्ही  कोने पर  सबसे  ज्यादा जोर  पड़ता  है

 

इन उभरे आकर  के  ज़रिये  ही  इन  बोतलें के ढीले कोने को हटाया  जाता  हैं  और साथ ही बोतल को खरा रखने के लिए एक सपाट निचले हिस्से को बनाया जाता है। तभी तो अगर आपको प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल करके उसे मोरमरोर करके फेंकने की आदत तो आप जानते ही होंगे की सोडा बोतल का सबसे कठोर हिस्सा इसका ये उभरा हुआ हिस्सा होता है।

तोह कुछ समझे , अगर हाँ तो इस वीडियो को लिखे किये बिना मत जाना और अगर ये फैक्ट्स आपको रहे है कुछ तो इस जानकारी से अपने ख़ास लोगों को महरूम रखे। काम से काम अपने पांच दोस्तों और रिश्तेदारों को व्हाट्सप्प या फेसबुक पर शेयर करे यह वीडियो। ताकि वो भी हो जाए फैटिफ़िएड।

 

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4.सेलिब्रिटीज सुरक्षित नहीं हैं???

आपने  दुनिया   के  बड़े  बड़े  वर्ल्ड  लीडर्स  के  अलावा  सेलिब्रिटीज  की  सिक्योरिटी  में  भी  कईं  मुस्तैद  एजेंट्स  को  लगे  हुए  देखा  होगाहालाँकि  दुनिय के  ज्यादातर  देशों  में  सेलिब्रिटीज  को  नेताओं   की  तरह  मुफ्त  में  सिक्योरिटी  नहीं  मिलती  और  वह अपनी  कमाई  का एक  हिस्सा  अपनी  प्रोटेक्शन  के  लिए  भी  खर्च  करते  हैं |

लेकिन  कभी  कबार  इनकी  लाखों  रूपए  की  फूलप्रूफ  सिक्योरिटी  भी इन स्टार्स  के  साथ  अनहोनी  होने  से  बचा  नहीं  पाती | ऐसा  ही  एक  वाक्य  हुआ  अक्टूबर  २०१६  में  अमेरिकन  मॉडल  किम  कार्दशियन  वेस्ट  के  साथदरअसल वो अपनी पूरी  फॅमिली  के  साथ पेरिस  फैशन  वीक  अटेंड  करने  के  लिए  पेरिस  गयी  हुई  थी , जब  उनके  साथ  उनके  ही  होटल  में  लूटपाट  हो  गयी

  आदमी  पुलिस  की  ड्रेस  में  किम  के  होटल  रूम  में  घुसे  और  गन  पॉइंट  पर  उनकी  साड़ी   जेवेल्लरी  और  कॅश  को  उदा  कर  ले  गए , यही  नहीं  उन्होंने  किम  के  हाथ  और  पेअर  बाँदकरउसे  बाथरूम  में  बंद  भी  कर  दिया |और  यह  सब  तब  हुआ  जब  किम  के  पर्सनल  बॉडीगार्ड  उनकी  दो  बहेनो  कीलिए  और  केंडल के  साथ  एक निघटकलब  में  गए  हुए  थे |किम  बाद  में  अपने  बॉडीगार्ड  की  सिक्योरिटी  एजेंसी  को  फायर  करने  के  साथ  साथ    मिलियन  उस  डॉलर्स  के  लिए  सूए  भी  कर  दिया | बड़े  लोग  बड़ी  बातें  खैर

 


6.किस्सा
भारत के पहले  मतदाता का

दोस्तों  वोट हमारे  लोकतंत्र  की  ताकत  है | इसे  से  सरकारें  बनती  और  बदलती  हैं  | लेकिन  क्या  आप  जानते  हैं  की  आज़ाद  भारत  में  सबसे  पहला  वोट  किसने  डाला  था |अगर  नहीं  तोह  बतादूँ  की कल्प , हिमाचल  प्रदेश  के  रहने  वाले  श्याम सरन नेगी आज़ाद भारत के पहले और सबसे बुज़ुर्ग वोटर हैं| नेगी करीब 16 लोकसभा और 12 विधानसभा चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल कर चुके हैं|

लेकिन  उनका  देश  के  पहले  वोटर  बन  ने  के  पीछे  भी  एक  दिलचस्प  कहानी  है |दरअसल  भारत में पहली बारलोकसभा चुनावतोह  फरवरी 1952 में हुए थे लेकिन  हिमाचल प्रदेश के कुछ  इलाकों  में  पाँच महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही लोकल  लोगों से वोट  डलवा  लिए  गए  थे ,क्योंकि ऐसा कयास लगाया गया था कि सर्दिओं  में  बर्फ  के कारण इन  सुदूर  इलाकों  के निवासियों को मतदान केन्द्र तक पहुँचने में दिक्कत होगी

इसी  के  चलते  श्याम  सरन  नेगी  जो  पेशे  से  शिक्षक  रहे  हैं  ने  25 अक्टूबर 1951 के  दिन  देश  का  पहला  वोट  डाला  था करीब 100 बसंत पार कर चुके श्याम सरन नेगी का स्वास्थ्य अब  अच्छा  नहीं  रहता  लेकिन उनकी हिम्मत और हौसला अब भी बरक़रार है|

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7.एके पित ऐसा भी

हमारे  समाज में आज भी जिन लड़कियों के माता या पिता  नहीं होते हैं, उनकी शादी में बड़ी दिक्‍कत आती है लेकिन  इस  फैक्ट  में  मैं  आपको  बताऊंगा  गुजरात  के  एक   रईस  हीरा  व्यवसायी महेश  सावनी  की  कहानी  जो  निकले  हैं  लड़किओं  को  भोज  समझने  वाले  हमारे  इसी  समाज  से  और  करवा  चुके  हैं  आजतक  हज़ारों  गरीब  लड़किओं  की  शादी |यह  बीड़ा    महेश  ने  तब  से  उठाया  जब  एक  हादसे  में  उनका  भाई  गुज़र  गया  और  उन्होंने  अपने  भाई  की  दो  बेटिओं  का   कन्यादान  किया |2012 से जिन बेटियों के पिता नही हैं, ऐसी  कईं  लड़किओं  की  शादी  महेश  कराने  लगे |

ऐसे  कईं  सामूहिक  आयोजनों  में  महेश  कभी  250 तोह  कभी  300 तक  भी  शदीआं  करवाते  हैं , और  सिर्फ  इनकी  शाद्दी  का  खरच  ही  नहीं  उठाते , बल्कि  हर  जोड़े को  5-5 लाख  रूपए  का  गिफ्ट  भी  देते  हैं |यह  जानकार  कोई  हैरत  नहीं  की  इनका  इनबॉक्स  पिता  दिवस  के  दिन  फुल  हो  जाता  होगा |खैर  अगर  हफ्ते  की  एक  वीडियो  से  आपका  कुछ  नहीं  होता  और  आपको  चाहिए  फैक्ट्स  की  डेली  उपदटेस | तोह  लिखे   करें  हमारा  फेसबुक  पेज  और  हो  जाएँ  फैटिफ़िएड |

 

8.क्या  सच  में  है  कुत्तों  का  रोना  अपशकुन??

दोस्तान आपे अक्सर गेहरी राट में कुट्टन के रोने का इंतजार सूरज हो जाता है। लोग  कुत्तों   का  रोना  अपशकुन  मानते  हैं  लेकिन  क्या  आप  जानते  हैं  की वो  ऐसा  करते  क्यों  है। अगर  नहीं  दोस्तों  toh बतादूँ  की  पेहली बात तो यह है कि कुत्ते रोते नहीं हैं। वो हुल करते हैं। ठीक  वैसे  ही  जैसे  भेड़ियें  जंगल  में  हौल  करते  हैं। कुत्ते  असल  में  भेड़िओं  की  ही  पालतू  बनाई हुई  प्रजाति  है  और  इस  ेवोलुशन  के  बावजज  वुल्फ  के  कईं  ट्राइट्स  अभी  भी  कुत्तों  में  देखने  को  मिलते है । येह हाउलिंग भइ अनहि में से एक निशान है।

असल में रात में यह  आवाज निकालकर कुत्ते सड़क  या फिर  इलाके में अपने  दूसरे  साथिओं  तक  मैसेज  पहुंचते  हैं  और   अपनी  लोकेशन  का  पता  भी  देते  हैं  .. इसके  अलावा  चोट  लगने  पर , दर्द  होने  पर  या  फिर  किसी  शारीरिक  परेशानी  के  चलते  भी  यह  हौल   करते  हैं |तोह  अगली  बार  कोई  कुत्तों  के  रोने  को  अपशकुन  बताये  तोह  आप  इसके  पीछे  का  विज्ञानं  उन्हें  ज़रूर  समझा  देना |

9.पर्यावरण और फैशन साथ  चल सकते हैं

दोस्तों  क्या  आप  जानते  हैं  की  एडिडास  कंपनी  ने  ओसियन  से   इक्क्ठा  कियइ  हुए  प्लास्टिक  से  १  करोड़  से  बही  ज्यादा  इकोफ्रैंडली जूतों को  बनाएं  हैं | जी  हाँ  २ ०१५  में  पार्ले  के साथ  एक  परंतनेरशिप  में  एडिडास  ने  समुंद्री  कचरे  को  स्पोर्ट्सवेयर  में  बदलने  का  फैसला  किया  और  अपने  इस  इनिशिएटिव  के  चलते  हु  २८१०  टन  से  भी  ज्यादा  प्लास्टिक  ओसियन  से  बहार  निकलने  में  कामयाब  रहे |

समुन्द्र  से  निकले  गए  इस  प्लास्टिक  को   शरद  करके  धोया  और  फिर सुखाया  जाता  है , एडिडास  इसी  प्लास्टिक  को  पिघलकर  एक  पॉलिएस्टर  यार्न  त्यार करता  है जिसका  इस्तेमाल  हु  जेर्सेस  या  फिर  जूतों  के  ऊपर  दसिग्नस  के  लिए  करता  है .साथ   ही  दोस्तों  इन  जूतों  में  इस्तेमाल  होने  वाला  रीसाइकल्ड  पॉलिएस्टर  काम  पानी  और  चेमिकल्स  का  इस्तेमाल  करता  है | जो  इनकी  मैन्युफैक्चरिंग  से  होने  वाले एनवायर्नमेंटल  इम्पैक्ट  को  भी  काम  कार  देता  हैं |

यही  नहीं  मरीन  प्लास्टिक  से  बने  यह  जूते  एडिडास  के  दूसरे  जूतों  से  किसी  भी  मामले  में  काम  नहीं | और  अब  दोस्तों  वक़्त  हो  चला  है  आपके  अपने  योर  ओन  फैक्ट  का | जो  आज  हमे  भेजा  है  गौरव  शर्मा  ने  गौरव  बताते  हैं  की  कैसे   गूगल  मैप्स  पर   फ़र्ज़ी  ट्रैफिक  दिखाकर  गूगल  को  भी  बेवकूफ  बनाया  जा  सकता  है |जी  हाँ , दोस्तों  मैंने  जैसा  की  आपको  पिछले  एपिसोड  में  बताया   था  की गूगल  मैप्स  किसी  रोड  पर  ट्रैफिक  का  अंदाज़ा  उस  इलाके  में    मौजूद  स्मार्टफोन्स  के  बिनाह  पर  लगाता  है |

इसे प्रोवे किया  एक  जर्मन  आर्टिस्ट  साइमन  विकृत   ने  जिन्होंने  अपने  सभी  दोस्तों   रिश्तेदारों  के  फ़ोन्स  बोर्रोव  किये  और  एक  हैंड कार्ट  में  ऐसे  ९९ फ़ोन  डालकर  बर्लिन  की  खाली  सडकों  पर  निकल  गए .इन  फ़ोन्स  की प्रजेंस  को  सर्विस  ने  वैसा  ही  इन्टरप्रेट  किया  जैसा  करने  के  लिए  उसे  प्रोग्राम  किया  गया  है ,और  हु  सड़क  खाली  होने  के   बावजूद  नेविगेशन  में  स्लो  मूविंग  ट्रैफिक  दिखाने  लगी |

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