पहलवानों के कान ही हड्डियां क्यों तोड़ दी जाती हैं?

पहलवानों के कान ही हड्डियां क्यों तोड़ दी जाती हैं?

दोस्तो, क्या आप जानते हैं की पहलवानों के कान ही हड्डियां क्यों तोड़ दी जाती हैं? जी हाँ अगर आपने कभी पहलवानो के कान गौर से देखे हैं तो आप भी जानते होंगे की यह थोड़े अलग ही दीखते हैं और इसका कारण होता है की इनके कान की टूटी हुई हडडीए।

उनके कान तोड़े नहीं जाते बल्कि टूट जाते हैं। ये एक प्रक्रिया है दरअसल ज्यादा मेहनत करते वक़्त शरीर का टेम्परेचर बढ़ जाता है फिर एक विशेष स्तर पर पहुंचने पर आपके कान पर लगा हल्का सा हाथ भी आपकी रक्त कोशिकाओं को फाड़ सकता है या आपकी कान की हड्डीओं को तोड़ सकता है। कान में ख़ून भर जाने से कान की बनावट में बदलाव आ जाता है लेकिन पहलवान इसका इलाज नहीं करवाते क्योंकि इलाज के बाद ये फिर टूट सकते हैं।

वहीं टूटे रहने पर इनमें कोई समस्या नहीं होती। अंग्रेज़ी में ऐसे कानो को कॉलीफ़्लावर ईयर या गोभी के फूल जैसे कान भी कहते हैं ।

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