हवाई जहाज़ पर कभी भी बिजली क्यों नहीं गिरती?

दोस्तोँ क्या कभी आपने सोचा है की आसमानी बिज़ली हवा में उड़ रहे एयरप्लेन पर क्यों नहीं गिरती?लेकिन दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादूँ की इतिहास में बिजली एयरोप्लेन से टकरा भी चुकी है और ऐसा हो भी सकता है! ऐसी घटना का एक एक्सएम्पल पैन am फ्लाइट 214 को माना जा सकता है जो एक खौफनाक मंज़र था!

8 दिसंबर 2963 के दिन पैन अमेरिकन वर्ल्ड एयरवेज़ की पैन am फ्लाइट 214 में सवार 81 जानें तब चली गयी जब यह हवाई जहाज़ आकाशीय बिजली का शिकार हो गया और प्लेन क्रैश हो गया लेकिन आज के दौर में ऐसी दुर्घटना होने के चांस बहुत कम हैं। क्यूंकि पैन am 214 के क्रैश होने के बाद से फ्यूल टैंक को सेफ करने के नए मेथड्स को अपनाया गया! प्लेन में ईंधन प्रणाली ही उसका सबसे रिस्की हिस्सा है जहां एक छोटी सी चिंगारी भी तबाही ला सकती है! अब इंजीनियर इसमें पूरी सावधानी बरतते हैं कि आसमान से गिरने वाली बिजली किसी भी विमान की ईंधन प्रणाली में चिंगारी पैदा न कर सकें। इसी वजह से ईंधन की टंकियों के इर्द गिर्द काफी मोटी कईं लेयर्स वाली प्रोटेक्टिव शील्ड होती है ताकि वो किसी हि तरह की चिंगरी से बची रहें ।

इसके अलावा एंट्री डोर्स फ्यूल फिलिंग सै और सभी गैप्स को बिजली का सामना करने के लिए इन पर कईं टेस्ट्स परफॉर्म किये जाते हैँ। एयरक्राफ्ट में इस्तेमाल होने वाला फ्यूल भी पहले से कम एक्सप्लोसिव होता है! दोस्तों, यह भी बतादें की सबसे पहले बिजली प्लेन के नुकीले हिस्से मे गुजरती है अमूमन यह विन्ग्तैल्स और उसकी नोज होती है इनमे गुजरने के बाद वो टेल के रास्ते बहार निकल जाती हैं इस कारण प्लेन पर जब बिजली गिरती हैं तब अन्दर बैठे यात्रीओं को यह पता तक नही चलता।

हालॉकि पाइलट और क्रू सदस्य को यह बात पता होती है!

यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि फैराडे के एक सिंपल से एक्सपेरिमेंट का प्रैक्टिकल यूज़ है। क्या कुछ नया सीखा? अगर हाँ तो पोस्ट को पॉज करके उस लाइक बटन को प्रेस कर दें।

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