इन पिरामिड्स को आज भी अजूबों में गिना जाता है

दोस्तोँ ग़िज़ा के पिरामिड्स आज से 4500 साल से भी ज्यादा पहले बनाये गए थे लेकिन उन्हें आज भी दुनिया के अजूबों में गिना जाता है जानते हैं क्यों?वो इसलिए की उनकी कंस्ट्रक्शन इतनी नायाब है की वो आज के समय में सभी क्रेन्स हेलिकोप्तर्स और ट्रक्स होने के बावजूद भी नामुमकिन सी लगती है।

अच्छा आप सोच कर देखिये एक पिरामिड जो 756 फ़ीट लम्बा है चारो तरफ से और 481 फ़ीट ऊँचा है जिसके बनने में 23 लाख ऐसे तराशे हुए पत्थर लगे हैं जिनमे से हर एक का वज़न औसतन 3 टन है।

अब हिस्टोरियंस की माने तो वो कहते हैं की यह ग्रेट पिरामिड सिर्फ 20 सालों में तैयार हो गया था हिसाब से तो अगर हर 5 मिनट में एक चट्टान अपनी जगह पर रखी जाए तब जाकर 23 लाख चट्टाने राखी जा सकती हैं। दोस्तों आज से 4500 साल पहले ऐसी इंजीनियरिंग अद्भुत नहीं तो और क्या है

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