तो क्या है हेवेल्स ब्रांड की सफलता के पीछे की कहानी!

दोस्तों यह कहानी है दिल्ली के एक सरकारी स्कूल से रिटायर्ड एक टीचर की।स्कूल से रिटायर होने के बाद किंमत राय गुप्ता न खुद को बुसीरखने के लिए दिल्ली के भगीरथ पैलेस मार्केट में बिजली के उपकरणों की एक दुकान खोल ली। एक दिन उनके दुकान पर एक सेल्समैन आया और बातों बातों में पता चला की हेवेल्स नाम की छोटी सी यूनिट है जिसके मालिक हवेली राम गांधी हैं वह अपनी फैक्ट्री और कारोबार बेचना चाहते हैं। 7 लाख रूपए में फैक्ट्री खरीदने के बड़कीमत राय गुप्ता ने ऐसी ही घाटे में चल रही कईं इकाइयों का अधिग्रहण किया और अपनी मेहनत के दम पर उन्हें फायदे में ला दिया। फिर साल 2000 में कंपनी ने यूके की क्रैबट्री के साथ होम ऑटोमेशन के लिए ज्वाइंट वेंचर बनाया और इसी साल कंपनी भारत की दूसरी सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक स्विचगियर कंपनी बन गई।

आज हावेल्स एक ब्रांड है और इसमें 11 हजार डिस्ट्रीब्यूटर और 6 कर्मचारी काम करते हैं। 7 लाख रूपए में खरीदी हुई कंपनी आज सालाना 10000 करोड़ से ज्यादा का बिज़नेस कर रही है और यह सब बदौलत एक रिटायर्ड स्कूल टीचर की मेहनत और जज्बे के दम पर। 2014 में निधन होने के कुछ साल पहले कीरत राय गुप्ता ने एक मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर इंसान के अंदर मेहनत लगन और रिस्क उठाने की हिम्मत हो तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

उनके इसी सन्देश के साथ खत्म करते हैं फैटिफ़िएड हिंदी पर आज का यह सफर उम्मीद है आपको मज़ा भी आया होगा और आपने कुछ नया भी सीखा होगा। बने रहें फैटिफ़िएड हिंदी पर क्यूंकि लेकर आते रहेंगे इनक्रेडिबल और अवेसमे फैक्ट्स से भरी जानकारी आपके लिए लगातार।

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