पहली बार घड़ी का टाइम कैसे सेट किया गया था?

दोस्तों, हज़ारों साल पहले घड़ी का टाइम और घड़ी की जरूरत किसी को थी ही नहीं। मुर्गे की बांग और सूरज निकलने के साथ ही लोग अपना दिन शुरू करते थे और शाम तक काम करके रात आराम करते थे कोई यह नहीं पूछता था की क्या टाइम हुआ है। वाटर क्लॉक्स और सैंड क्लॉक्स किसी टाइम फ्रेम को तो माप सकते थे लेकिन एक्सएक्ट टाइम नहीं बता सकते थे। फिर दुनिया में आयी मॉडर्न डे क्लॉक्स जिन्होंने सबको यूनिवर्सल टाइम दिया।

वैसे तोह इसकी डेवलपमेंट में कईं लॉकस्मित ने काम किया था लेकिन इसका सबसे ज्यादा श्रेया दिया जाता है न्यूरेमबर्ग जर्मनी के पीटर हेनले को उन्होंने ही मैकेनिकल वॉचेस की एक पूरी इंडस्ट्री बनाई जो आज दुनिया में खरबों रूपए का बिज़नेस बन चुकी है। लेकिन दोस्तों सबसे पहली घडी में टाइम कैसे मिलाया होगा इस से पहले हमे समझना होगा की टाइम कोई नेचुरल या ऑब्जेक्टिव चीज़ नहीं है यह हमेशा रिलेटिव होता है मतलब हम पृथ्वी पर कहा किस जगह में है टाइम उस पर निर्भर करता है।

19वी सदी की शुरुआत तक टाइमकीपिंग एक झमेले भरा सौदा था अकेले अमेरिकन रेलवेज 75 अलग अलग टाइम ज़ोन्स फॉलो करती थी और रूस यूरोप से 13 दिन पीछे चलता था फिर एक शक़्स ने पूरी दुनिया को सिस्टेमेटिक टाइम ज़ोन्स में बैठने का विज़न देखा उसका नाम था सैंडफोर्ड फ्लेमिंग जो एक स्कॉटिश कैनेडियन इंजीनियर थे।

1884 में वाशिंगटन अमेरिका में प्राइम मेरीडियन कांफ्रेंस हुई जिसमे पूरी दुनिया को 24 अलग अलग टाइम ज़ोन्स में बाँट दिया गया। रिफरेन्स के लिए इंग्लैंड के ग्रीनविच को जीरो टाइम सेट किया गया टाइम जिसके 12 घंटे आगे या पीछे हो सकता था। आज हम इसी टाइम जोन सिस्टम को फॉलो करते हैं और ग्रीनविच मैं टाइम के 5:30 घंटे आगे के टाइम को अपना टाइम मानते हैं। इसीलिए सबसे पहली घड़ी कैसे सेट की गयी होगी इसके कोई मायने नहीं क्यूंकि तब घड़ी बनाने वाले के पास कोई रिफरेन्स ही नहीं था और वह अपने मन मुताबिक टाइम सेट कर सकता था तो कुछ समझ आया अगर हाँ तो पोस्ट को एक लाइक ज़रूर दे देना।

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