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बिजली के खंभों के बीच तार हमेशा झूलता हुआ क्यों दिखाई देता है?

दोस्तों आपने भी देखा होगा की बिजली के दो खंभों के बीच तार हमेशा झूलता हुआ दिखाई देता है और ऐसा देखकर ज्यादातर लोग यही सोचते है की इसे कसकर क्यों नहीं बांधा जाता यह तारें झूलती क्यों रहती हैँ। तो दोस्तों आपकी जानकारी के लिए बतादूँ की बिजली के दो खम्भों के बिच के तार को वैसे तोह कसकर ही बंधा जाता है। लेकिन हमे ये बिजली के तार झूलते हुए इनके वज़न की वजह से दिखाई देते हैं और अगर इन्हें और ज्यादा अगर टाइट किया जाए तो यह टूट सकते हैँ।

इसके आलावा इससे जुड़ा एक और कारण भी है जिसके मुताबिक जब सर्दियों में तापमान काफी निचे चला जाता है उस वक़्त धातु के यह तार जो आमतौर पर ऐलुमिनियम और स्टील से बनते है तापमान में आयी गिरावट के चलते सिकुड़ जाते है इस सिद्धांत को साइंस की भाषा में थर्मल कंट्रक्शन कहते हैँ। इस स्थिति में तार अगर पूरी तरह से टाइट बंदी होगी तोह मुमकिन है तारें टूट जाए।

चूंकि ट्रांसमिशन लाइनस सैकड़ो किलोमीटर लंबी होती है इसीलिए इस से भरी नुक्सान हो सकता है प्रभाव को खत्म करने के लिए तारों को लटका कर बांधा जाता है साथ ही दो खम्बो के बिच उनके लेवल से जितना निचे तार को लटकाया जाता है। उसे सैग सैग कहते हैं इलेक्ट्रिकल engineers सैग की वैल्यू इतनी रखते हैं जिस से तार अपना वज़न और खम्बो का ज़ोर दोनों सेह सके और इसीलिए यह झूलती हुई नज़र आती है।

 

 

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