ये है इंसानियत की मिसाल!!

दोस्तों केरला में हथिनी की मौत ने हम सभी के अंदर के इंसानो को झंझोर के रख दिया था। लेकिन इंसानियत खत्म हो चुकी है ऐसा भी नहीं है। आज का यह वाक्या लेकर आया हूँ मैं तमिल नाडू की शिवगंगा डिस्ट्रिक्ट के पोठाकुडी गांव से यहाँ के गाँव वालों ने पक्षिओं के एक परिवार के लिए 35 दिन तक अपने गाँव की स्ट्रीट लाइट नहीं जलाई। क्या है पूरी कहानी आईये जानते है।

हुआ क्या की इस गाओं में रहने वाले करुप्पु नाम के लड़के के घर के पास ही गाओं की स्ट्रीट लाइट्स का main स्विच मौजूद था तो करुप्पु रोज़ शाम अँधेरा होते ही इस स्विच से सभी लाइट्स on कर देता था। लेकिन एक दिन करुप्पु ने जब उस स्विचबोर्ड में मैगपाई रोबिन के तीन अण्डों के साथ उसकी माँ को देखा तो उसने उसे छेड़ा नहीं बल्कि अपने गाँवं के WhatsApp ग्रुप पे स्विचबोर्ड की फोटो पोस्ट करदी ।

वह गाँव वालों को कन्विंस करने लगा की जब तक चिड़िया के अण्डों से बच्चे नहीं निकल जाते वह स्विचबोर्ड न छेड़े और गाँव की streetlight बंद रखें। कुछ गाओं वालों ने इसका विरोद किया की क्या वह एक चिड़िया के लिए अँधेरे में रहें लेकिन करुप्पु के आर्ग्यूमेंट्स के आगे सबको झुकना पड़ा। उसने उनसे पूछा की क्या उनके बचपन में दिखने वाले पक्षी अब दिखता हैं जिसने गाओं में सबको सोचने पर मज़बूर कर दिया की इंसानो ने कुदरत का क्या हाल कर दिया है।

इसके बाद 35 दिन तक जब तक चूज़े अण्डों में से निकल नहीं गए पोठाकुडी गाओं में स्ट्रीट लाइट्स नहीं जली। फिर चूज़े बड़े हुए और खुली हवा में उड़ गए लेकिन इस वाकया ने करुप्पु को एक इंटरनेट सेंसेशन बना दिया और उसने अपने गाओं के बच्चों को इस lockdown में एक ऐसा लेसन सिखा दिया जो शायद कोई इंटरनेट क्लास उन्हें न सिखा पाती।

 

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