शायद आप stethoscope की आविष्कार की कहानी न जानते हों!!

आप सभी ने डॉक्टर्स के गले में stethoscope तो जरूर देखा होगा लेकिन शायद आप इसके आविष्कार की कहानी न जानते हों आपको जानकार हैरानी होगी की स्टेथोस्कोप का आविष्कार एक डॉक्टर की शर्म और झिझक की वजह से हुआ था और फिर आगे चलकर इसे मेडिकल साइंस के सबसे बड़े आविष्कारों में से एक माना गया। इसे इज़ाद करने का श्रेय जाता है फ्रेंच वैज्ञानिक रेने थियोफाइल हाएसेनिक लीनेक को।

1815 में रेने लिनेक फ्रांस में नेककर हॉस्पिटल में प्रैक्टिस कर रहे थे। फिर जब हार्ट की समस्या से जूझ रही एक महिला उनके पास जांच के लिए आई तब रेने को थोड़ी झिझक महसूस हुई। क्यूंकि स्टेथोस्कोप के आविष्कार से पहले डॉक्टर मरीज की जांच के लिए उसके सीने के पास कान लगाकर उसकी धड़कनें सुनते थे।

आगे से इससे बचने के लिए रेने ने कागज को मोड़कर उससे ट्यूब जैसी एक सरंचना बनाई फिर ट्यूब के एक सिरे को उन्होंने महिला के चेस्ट पर दबाया और दूसरे सिरे को अपने कान के पास लगाकर उसकी हार्ट बीट सुनी! यह काम कर रहा था!इसके बाद लीनेक ने लकड़ी के कई खोखले मॉडल बनाए जिसके एक सिरे पर माइक्रोफोन लगा होता और दूसरे सिरे पर ईयरपीस उन्होंने इसे नाम दिया स्टेथोस्कोप। दोस्तों स्टेथोस्कोप ग्रीक भाषा के शब्द स्टेथोस यानि की चेस्ट और स्कोपस यानि डायग्नोसिस से मिलकर बना है। तो था न कुछ अलग? Post को एक लाइक दिए बिना मत जाना।

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