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Corona से जुड़े 13 सबसे बड़े झूठ!

दोस्तों महामारी को लेकर फैली अफवाहें ना केवल लोगों की जान ले रही है, साथ ही मरीज के घरवालों के लिए भी खतरा बन रही है….दोस्तों आपने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों को प्लाजमा मांगते देखा होगा…तो किसी को रेमडिसीवर मेडिसन के लिए इधर से उधर चक्कर लगाते देखा होगा.. कुछ पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है कि 5जी से कोरोना फैलता है..तो कई पोस्ट में कोरोना के इलाज के घेरलू नुस्खे तक बताए गए हैं जिन्हें खूब शेयर किया जा रहा है 

दोस्तों सोशल मीडिया पर फैल रही इन पोस्ट में कौन सी अफवाह है और कौन सी सच्ची खबर इसका पता लगाना पाना आपके लिए भी काफी मुश्किल हो रहा होगा 

पर दोस्तों बेवजह के इन पोस्ट पर यकीन करने की जरुरत नहीं है क्योंकि कोरोना से जुड़े हर सवाल जवाब और हर अफवाह का सच मैं बताऊँगा आपको  आज Factified Special  के इस खास पोस्ट में ….

1….क्या है कोरोना के Symptoms 

दोस्तों कोरोना महामारी का वैसे तो कोई मेजर Symptom नहीं है…पर दोस्तों जब कोरोना महामारी फैली तो बुखार, खांसी जुकाम को इस महामारी के प्राइमेरी लक्षण बताया गया…लेकिन दोस्तों कोरोना की दूसरी लहर में इस बिमारी के कई और लक्षण भी सामने आए हैं… 

दोस्तों Loose motion, body pain, chest pain, throat pain कोरोना के नए Symptoms के तौर पर Indicate किए गए हैं ..और अगर आपको इनमें से कोई भी Symptoms है तो आपको अपना टेस्ट जरुर करना चाहिए

आसान भाषा में कहें तो अगर आपको अपने शरीर में किसी भी तरह का दर्द , flu होता है तो आपको अपना टेस्ट जरुर करना चाहिए….

2. क्या CTC Scan करना जरुरी है 

दोस्तों आप न्यूज पेपर्स में पढ़ ही रहे होंगे कि आजकल जिन लोगों को कोरोना होता है उनकी रिपोर्ट भी कई बार नेगेटिव आ जाती है, जिस वजह से डॉक्टर्स अब सीटी स्कैन कराने की भी सलाह देते हैं….ऐसे में अब आपके मन में भी यही सवाल आ रहा होगा कि क्या कोविड टेस्ट के लिए CT Scan कराना जरुरी है 

दोस्तों CT Scan  आरटी-पीसीआर की तरह काम नहीं करता है….यानी कि आपको कोविड हुआ है या नहीं इसका  पता आप शुरुआती दिनों में सीटी-स्कैन से नहीं लगा सकता …

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दोस्तों ऐसे में चलिए सबसे पहले को आपको ये बताते देते हैं कि आपको CT Scan कब नहीं कराना चाहिए 

दोस्तों अगर आपकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है मगर आपमें कोविड के कोई लक्षण नहीं हैं यानी कि आप ए-सिम्टमैटिक हैं तो आपको सीटी-स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है।

दोस्तों अगर आपमें कोविड के माइल्ड लक्षण हैं, यानी कि आपको सर्दी जुकाम हुआ और हल्का बुखार है, मगर आपको ज्यादा परेशानी नहीं है तब भी आपको सीटी-स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है।

दोस्तों अब आप ये जानिए कि CT Scan कब कराना चाहिए 

दोस्तों सीटी-स्कैन कराने से फेफड़े में इंफेक्शन का सही पता लगता है, क्योंकि आरटी-पीसीआर में कोविड की गंभीरता का पता नहीं चलता है। इसलिए अब सीटी स्कैन को इतना तवज्जो दिया जा रहा है

पर दोस्तों बहुत सारे लोग कोविड टेस्ट कराते वक्त सीटी-स्कैन भी करा लेते हैं, जिसका कोई फायदा नहीं होता…, क्योंकि शुरुआती दौर में कोरोना वायरस आपके फेफड़े तक नहीं पहुंचाता है, उस वक्त वायरस नाक और गले के एरिये में होता है। जिस वजह से शुरू में सीटी-स्कैन नॉर्मल आ सकता है…

मगर बाद में सीवियर कोविड हो सकता है और फेफड़े तक वायरस पहुंच जाता है इसलिए चौथे से छठे दिन के बीच सीटी-स्कैन कराना ही बेहतर होता है, हालांकि दोस्तों फिर भी डॉक्टर की सलाह के बाद ही सीटी-स्कैन कराएं।

दोस्तों अगर आपको खांसी आ रही है, चेस्ट में बहुत ज्यादा पेन है और सांस लेने में तकलीफ होती है तो इस स्थिति में भी आपको अपना सीटी स्कैन कराना चाहिए 

3. क्या CT Scan से कैंसर होता है 

दोस्तों जब से डॉक्टर्स ने कोरोना के लिए Ct Scan करना शुरु किया है तब से सोशल मीडिया पर कई तरह के पोस्ट वायरल हो रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि कोरोना टेस्टिंग के लिए सीटी स्कैन नहीं करना चाहिए इससे कैंसर होता है…

पर दोस्तों आपको बता दूं कि इस वायरल पोस्ट पर डॉक्टर्स का कहना है कि ये सच है कि CT Scan में रेडियेशन का इस्तेमाल होता है जिसे रेडिएशन कैंसर होने की संभावना होती है

लेकिन अब टेक्नॉलजी पहले से बहुत बेहतर हो चुकी है…आज से 20-30 साल पहले सीटी स्कैन में हाय रेडिएशन का यूज किया जाता था पर अब सीटी स्कैन में बहुत कम रेडिएशन का यूज होता है और एक या दो बार सीटी स्कैन कराने से कैंसर नहीं होता है ..

.हां लेकिन बहुत बार सीटी स्कैन कराया जाता है तो कैंसर की संभावना बढ़ जाती है… मगर कभी-कभार सीटी-स्कैन कराने से कैंसर हो जाएगा ये बात सच नहीं है…. 

4. Home Isolation में कौन सी दवाईयां लेनी चाहिए 

दोस्तों महामारी का आतंक देश में इस कदर फैला हुआ है कि मरीजों के लिए अस्पतालों में अब जगह तक नहीं बची है…ऐसे में जिन मरीजों की हालत गंभीर नहीं है उन्हें डॉक्टर्स और सरकार Home Isolation में रहने की सलाह दे रही है…

पर दोस्तों Home Isolation में मरीज को कौन सी दवाइयां लेनी चाहिए इसे लेकर भी कई तरह की अफवाहें फैली हुई हैं…ऐसे में ये जानना जरुरी है कि अगर कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं तो उसे कौन सी दवाई लेनी चाहिए 

दोस्तों मरीज Home Isolation में ही क्यों ना हो, पर उसे हमेशा डॉक्टर्स के सम्पर्क में होना चाहिए और कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर्स से कंनसल्ट करना चाहिए 

दोस्तों Home Isolation में रह रहे कोरोना के मरीजों को डॉक्टर्स पारासिटामोल, Zinc और Vitamins लेने की सलाह देते हैं…पारसिटामोल बुखार को कम करती है और विटामिन्स जिंक शरीर की इमन्युटी बढ़ाने में मदद करते हैं..  

पर दोस्तों फिर भी डॉक्टर्स से सलाह लेने के बाद ही ये दवाइयां लें क्योंकि सभी की बॉडी अलग-अलग होती हैं…ऐसे में सिर्फ डॉक्टर ही आपकी बॉडी को बेहतर ढंग से समझ सकता है..

5. Home Isolation में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए 

दोस्तों  Home Isolation में रह रहे मरीज को अलग कमरे में आइसलोट करें और केवल एक ही व्यक्ति उनकी देखभाल करें….. वहीं घर में रह रहे सभी लोग डबल मास्क का इस्तेमाल करें ताकि महामारी के होने के चांसस कम हों…..

दोस्तों वेंटिलेशन के लिए घर के खिड़की दरवाजे हमेशा खुले रखें ताकि अगर हवा में वायरस हो भी तो वो बाहर चला जाए…

6. कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल की पोटली से बढ़ता है ऑक्सीजन लेवल ? 

दोस्तों कोरोना महामारी की वजह से देशभर में ऑक्सीजन की कमी से हड़कंप मचा हुआ है….देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन की शॉर्टेज से मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं 

दोस्तों वहीं इस बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें दावा किया गया है कि  कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल की पोटली बनाकर सूंघने से ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाया जा सकता है…

दोस्तों इस पोस्ट में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है…क्योंकि स्टडीज बताती हैं कि नीलगिरी का बंद नाक पर कोई खास असर नहीं होता है….वहीं कपूर को थोड़ा सा भी अधिक मात्रा में सूंघना मरीज की जान ले सकता है…इसलिए दोस्तों ऐसे किसी भी नुस्खे को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल ना करें… 

7. Home Isolation में मरीज का ऑक्सीजन लेवल कैसे बढ़ा सकते हैं

दोस्तों अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 से ऊपर है तो इसक मतलब है कि मरीज को सांस लेने में कोई दिक्कत नहीं है…लेकिन अगर ऑक्सीजन 94 से नीचे होता है तो मरीज को तुंरत डॉक्टर के पास ले जाएं..

दोस्तों मरीज का ऑक्सीजन लेवल नापने के लिए घर में oxy meter जरुर रखें…जो आपको Chemist की शॉप पर आसानी से मिल जाएगा…

वहीं शरीर में ऑक्सीजन लेवल ठीक रखने के लिए मरीज को रोजाना आधे से एक घंटा उल्टा लेटाएं और फिर इस तरह आधे से एक घंटा राइट और आधे से एक घंटा लेफ्ट पॉजीशन में सुलाए…

दोस्तों डॉक्टर्स के अनुसार पेट के बल सोने से ऑक्सीजन ज्यादा बेहतर तरीके से फेफड़ों तक पहुंचता है…..जिसे मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम नहीं होता 

इसके अलावा दोस्तों रोजाना योगा करने से भी Respiratory System बेहतर होता है जिसे शरीर में ऑक्सीजन सही तरह से पहुंचता है  

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8. क्या Covid Patients को Steroids देना चाहिए 

दोस्तों कोरोना के मरीजों को पारासिटमोल और विटामिन्स के अलावा कई बार Steriods भी Recommed किए जाते हैं…पर दोस्तों आपको बता दूं कि बिना डॉक्टर्स की सलाह के Steriods लेना खतरनाक होता है…

क्यों कि Steriods से सुगर लेवल बढ़ता है और शरीर पहले भी ज्यादा वीक हो जाता है……

डॉक्टर्स के मुताबिक शुरुआती 6-7 दिनों तक मरीज को Steriods नहीं लेने चाहिए…इसके बाद भी केवल डॉक्टर की सलाह और देख रेख में ये Steriods दिए जा सकते हैं 

9. Black Fungal क्या है और ये कैसे फैलता है 

दोस्तों कोरोना महामारी के बीच एक और बिमारी फैल रही है जिसका नाम है ब्लैक फंगल इनफेक्शन…ये कोरोना मरीजों में काफी देखी जा रही है…पर दोस्तों आपको बता दें कि ब्लैक फंगल इनफेक्शन कोई बिमारी नहीं है…हां लेकिन ये बिमारी पहले बहुत कम लोगों में पाई जाती थी…

…दोस्तों ब्लैक फंगल हमेशा ही हमारे चारों तरफ हवा में मौजूद होते हैं पर ये शरीर में केवल तभी वार कर पाते हैं जब इंसान का इम्युनिटी सिस्टम बहुत ज्यादा वीक होता है…

दोस्तों जिन लोगों को पहले से डायबिटीज, कैंसर या कोई दूसरी बिमारी है तो उनका इम्युनिटी सिस्टम कोरोना की वजह से और वीक हो जाता है…जिस वजह से ऐसे मरीजों में ब्लैक फंगल इनफेक्शन के होने के चांसस बढ़ जाते है…

दोस्तों ब्लैक फंगल फैलने का एक रीजन Steriods भी है… दोस्तों जिन लोगों की इम्युनिटी बहुत वीक है अगर उन्हें Steriods लगाई जाती है तो उनकी इम्युनिटी और वीक हो जाती है जिस वजह से हवा में मौजूद फंगल आसानी से उनकी बॉडी में एँट्र हो जाती है और उनमें फंगल इनफेक्शन के चासंस बढ़ जाते हैं..

इसलिए हमने आप से पहले भी कहा था और अब फिर से कह रहे हैं  कि बिना डॉक्टर की सलाह के Steriods का इस्तेमाल ना करें 

10. क्या ऑक्सीजन सिलेंडर की वजह से फैल रहा है ब्लैक फंगल इनफेक्शन 

दोस्तों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कई पोस्ट में दावा किया गया है कि ब्लैक फंगल इनफेक्शन ऑक्सीजन सिलेंडर की वजह से फैल रहा है..पर दोस्तों आपको बता दें कि इस पोस्ट में कोई सच्चाई नहीं है..

क्योंकि दोस्तों इस वीडियो में हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि ब्लैक फंगल इनफेक्शन सिर्फ उन लोगों को होता है जिन की इम्युनिटी बहुत ज्यादा वीक होती है इसका ऑक्सीजन सिलेंडर से कोई लेना देना नहीं है….

11. क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन से बच सकती है जान 

दोस्तों कोरोना महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर सबसे ज्यादा हाहाकार देखने को मिला…मरीज के घरवाले और रिश्तेदार इस इंजेक्शन के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं 3 हजार का इजेक्शन 30 हजार में बेचा जा रहा है…पर क्या रेमडेसिविर दवा से सच में फायदा होता है….तो जवाब है ना 

दोस्तों रेमडेसिविर एक एंटी वायरल दवा है जिसका परीक्षण इबोला महामारी के दौरान हुआ था…पर दोस्तों आपको बता दें कि डॉक्टर्स का मानना है कि रेमडेसिविर से कोरोना ठीक नहीं होता है…जिस वजह से रेमडेसिविर लाइफ सेविंग दवा नहीं है …

दोस्तों रेमडेसिविर केवल तभी काम आती है जब मरीज का ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे जाता है और इसे सिर्फ डॉक्टर्स ही मरीज को दे सकते हैं खुद से लेने पर जान का खतरा होता है…

दोस्तों डॉक्टर्स का मानना है कि रेमडेसिविर दवाई केवल शुरुआती 5 से 7 दिनों में देने पर ही काम करती है क्योंकि ये वायरस को बढ़ने से रोकती है…इसके बाद इसका असर मरीज पर नहीं होता..

.वहीं इस दवाई के इस्तेमाल से मृत्यु दर पर भी कोई असर नहीं पड़ा …तो यानि की इस दवा को लेकर जितने दावे किए जा रहे हैं उनमें सच्चाई नहीं है

12. क्या 5जी से कोरोना होता है ? 

दोस्तों सोशल मीडिया पर वायरल कई पोस्ट में ये बताया जा रहा है कि देश में हो रहे 5जी परीक्षण से कोरोना फैल रहा है…पर दोस्तों इस पोस्ट में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है …ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना वायरस मोबाइल नेटवर्क टावर या फिर रेडियो वेवस के जरिए ट्रेवल नहीं कर सकता है..

और दोस्तों ये बात मैं नहीं खुद Who ने अपने स्टेटमेंट में कही हैं….इसलिए अगर आपके आसपास के लोगों को भी ऐसा लगता है कि कोरोना की सेकेंड वेव 5जी के कारण आई है तो उन्हें ये वीडियो जरुर शेयर करें…

13. क्या Plasma Therapy से कोरोना मरीज ठीक हो सकता है 

दोस्तों कोरोना महामारी को फैले डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो चुका है पर अब तक दुनियाभर के डॉक्टर्स और साइंटिस्ट मिलकर भी इस बिमारी का इलाज नहीं ढूंढ पाए हैं…ऐसे में मरीजों की जान बचाने के लिए प्लाज्मा थेरेपी को एकलौता सहारा माना जा रहा है…

आपने भी सोशल मीडिया पर लोगों को प्लाज्मा के पोस्ट करते देखा होगा…पर दोस्तों क्या प्लाज्मा थेरपी सच में कोरोना मरीज की जान बचा सकती है…

दोस्तों पहले आप ये समझिए की प्लाज्मा थेरेपी होती क्या है 

दरअसल प्लाज्मा थेरेपी में डॉक्टर  COVID19 से पूरी तरह ठीक हो चुके रोगी के खून से प्लाज्मा को निकाल कर कोरोना वायरस से गंभीर रुप से बीमार व्यक्ति में स्थानांतरित किया जाता है..ताकि गंभीर रुप से बीमार मरीज के शरीर में भी एंटी बॉडी जनरेट हो सकें…

दोस्तों दुनियाभर में कई ऐसे केस देखने को जरुर मिले जहां प्लाज्मा थेरेपी से मरीज रिकवर करने लगा…पर दोस्तों The New England journal of medicine की स्टडी ने क्लियर किया है कि प्लाज्मा थेरेपी का कोरोना मरीज पर कोई खास असर नहीं होता है…

दोस्तों डॉक्टर्स के मुताबिक प्लाज्मा थेरेपी माइल्डस Symptoms  में ही ज्यादा काम करती है और अगर मरीज को 5 से 6 दिन के अंदर प्लाज्मा दे दिया जाए तो तभी ये असर दिखाता है…दरअसल दोस्तों 8 दिनों के बाद बॉडी में अपने आप एंटीबॉडी सेल्स बनने लगते हैं और इसके बाद प्लाज्मा का कोई खास फायदा नहीं होता…..

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