क्या dairy milk में बीफ होता है?

कोई बंदा इंडिया को हो या अमेरिका का….चॉकलेट हर किसी को पसंद होती है….हां चॉकलेट का ब्रांड जरुर अलग-अलग हो सकता है.. ..लेकिन चॉकलेट किसी को ना पंसद ऐसा होने के चासंस बहुत कम है…. खासतौर पर कैडबरी डायरी milk..जिसे देखते ही मुंह में पानी आने लगता है……..लवर को प्रपोज करना हो या रुठे लवर को मनाना हो बस एक डैरी मिल्क…स्कूल के दिनों में तो ना जाने इस डैरी मिल्क ने कितनों की लव स्टोरी बनाई है…पर डेरी मिल्क के दीवानों क्या आप जानते हैं कि  आखिर ये कैडबरी डेरी मिल्क बनती कैसी हैं…..नहीं जानते तो अपने आँख नाक कान अब सिर्फ स्क्रीन पर रखिए …क्योंकि आज के पोस्ट में मैं आपको बताने वाला हूं डेरी मिल्क का वो सच जो आप में से कइयों के दिल तोड़ सकता है…. फैक्ट्री में कैसे बनती है डेरी मिल्क चॉकलेट….. पर इस पोस्ट को शुरु करने से पहले डिस्कलेमर में दे दूं कि इस पोस्ट को देखने के बाद आप में से कई डेरी मिल्क खाना छोड़ सकते हैं तो पोस्ट अपने रिस्क पर देखें 

भारतीय की पसंदीदा चॉकलेट में से एक कैडबरी डेरी मिल्क एक ब्रिटिश कंपनी है जिसे 1824 में यूनाइडेट किंगडम में शुरु किया गया था और ये इंडिया में बिकने वाली सबसे पुरानी चॉकलेट्स मे से एक हैं……….हर कंट्री में बनने वाली कैडबरी डेरी मिल्क का टेस्ट एक दूसरे से बिल्कुल अलग होता है…..भारत में बनने वाली डेरी मिल्क में सिर्फ वेज प्रोड्क्टस इस्तेमाल करना ही अलॉउड है जबकि अमेरिका, अस्ट्रेलिया जैसे देशों में बनने वाली डेरी मिल्क में मीट Ingredient भी होते हैं….इस चॉकलेट में जो मैन Ingredient होते हैं वो है Cocoa Beans, मिल्क, बटर और शुगर….

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डेरी मिल्क चॉकलेट का फर्स्ट Ingredient होता है Cocoa Beans….जिनसे बनता है चॉकलेट पाउडर….डेरी मिल्क बनाने में जो Cocoa Beans इस्तेमाल होती है वो आयरलैंड की है…..आयरलैंड के ज्यादातर कोको बाग की सप्लाई mondelēz international inc को जाती है….2010 में mondelēz international ने कैडबरी को भी अपने अंडर कर लिया था और तब से कैडबरी में भी आयरलैड के ही कोको बीन्स इस्तेमाल हो रहे हैं…

बागानों से कोको Beans को लाने के बाद पहले वर्कस इनकी सफाई करतें है और इन्हें धूप में अच्छे से सुखाते हैं …फिर इन कोको बिनस को फैक्ट्री में लाया जाता है…जहां इनकी दो से तीन बार अलग-अलग मशीन में अच्छे से सफाई होती हैं…….लेकिन इतनी सफाई के बाद भी कोको बिनस के साथ मशीन में  बहुत सारे Insect भी मैस होते हैं….जिसमें बगानों में पाए जाने वाले कीड़ें मकड़ों से लेकर कॉकरेच बाइट तक शामिल है…. FDA के मुताबिक 125 ग्राम की एक चॉकलेट में कम से कम 60-75 bugs की fragment तो होती ही है…, Global authority on food standards चॉकलेट में 4 प्रेसेंट Cockroaches mass allow करती है…सिर्फ इतना ही नहीं चॉकलेट में अमीनो एसिड को पूरा करने के लिए चूहे के बालों का इस्तेमाल किया जाता है……वैसे Rodant hair  सिर्फ चॉकलेट्स में ही नहीं मार्केट में मिलने वाले जेली, कैंडीज जैसे कई और रेडीमेट फूट प्रोडेक्ट्स में भी होता है……

चॉकलेट पाउडर तैयार होने के बाद बारी आती है…बटर की…डेरी फॉर्मस से लाया गया बटर मशीन में चॉकलेट पाउडर के साथ मिलाया जाता है और फिर काफी देर तक इसे मशीन में अच्छे से मिलाया जाता है….बटर और कोको पाउडर के मिक्स होने के बाद इसमें शुगर मिलाई जाती है जो इसमें मिठास भरती है…..फिर फेलवर के लिए फ्रूट नट्स, ओरिया या दूसरे आर्टिफिशयल फेलवर्स डाले जाते हैं…..इसके बाद इन्हें दोबारा से मशीन में एक से दो घंटे तक अच्छे से मिक्स किया जाता है….सभी Ingredients के मिक्स होने के बाद ये चॉकलेट Syrup का रुप ले लेती हैं…फिर इस चॉकलेट  Syrup को रोलिंग मशीन पर एक से दो घंटे तक घुमाया जाता है ताकि चॉकलेट Syurp और गाढ़ा हो सके…..चॉकलेट बनाने वाली कंपनियां चॉकलेट को Thicky  और gelly बनाने के लिए Gelatin का इस्तेमाल करती हैं….अगर आप नहीं जानते तो बता दूं कि Gelatin एक तरह का प्रोटीन होता है जो जानवरों की स्कीन और बोन्स से बनाया जाता है….आस्ट्रेलिया समेत कई देशों में बनने वाली डेरी मिल्क में cow gelatin का इस्तेमाल होता है जबकि कई देशों में कंपनी Cow की जगह Pig Gelatin का इस्तेमाल करती है……सोशल मीडिया पर आस्ट्रेलियन कैडबरी का एक पोस्ट भी इन दिनों खूब वायरल है जिसमें उन्होंने खुद बताया है कि वो चॉकलेट में कॉउ गिलेटन का इस्तेमाल करते हैं और उसके बाद से भारत में भी कैडबरी का बॉयकॉट चल रहा है…पर कंपनी के अनुसार भारत में बनने वाली डेरी मिल्क पूरी तरह वेजटेरियन होती है…मानें इसमें काउ या पिग गिलेटन इस्तेमाल नहीं होता ….और इसका सबूत है डेरी मिल्क चॉकलेट के रैपर पर बना ग्रीन सिम्बल…जो Assure करता है कि चॉकलेट वेज प्रोडेक्ट्स से बनी है…और सिर्फ ब्राउन सिम्बल के साथ आने वाली डेरी मिल्क ही मीट प्रोडेक्टस से बनी होती है….इंडिया में बनने वाली डेरी मिल्क में Cow ya Pig Gelatin की जगह Veg Geltain इस्तेमाल होता है जिसे Agar agar powder कहते हैं… 

इस Gelatin को मिलाने के बाद चॉकलेट Syrup को कंटेनर्स में भरा जाता है जहां इन्हें और रिफाइन किया जाता है और फिर रिफाइनरी मशीन से होते हुए इस लिक्विड चॉकलेट को सांचों में डाला जाता है जो इन्हें शेप देते हैं…और फिर इसे आगे फार्वड कर दिया जाता हैं …..चॉकलेट Syrup को फ्रिजर्स में माइनस टेम्परेचर में एक दिन तक रखा जाता है जहां ये लिक्विड से सोलिड फॉर्म में कन्वर्ट हो जाती है…इसके बाद चॉकलेट्स को मशीनों के जरिए पहले सिल्वर या गोल्ड कवर से रैप किया जाता है और फिर कंपनी रैपर से पैक किया जाता है…अगर चॉकलेट वेट प्रोड्क्ट से बनी है तो ग्रीन सिम्बल वाले रैपर इस्तेमाल होते हैं और मीट प्रोडेक्ट् से बनी है तो ब्राउन कवर वाले रैपर इस्तेमाल होते हैं… इसके बाद इन चॉकलेट्स को बॉक्सस में अच्छे से पैक करके  सेल के लिए भेज दिया जाता है….

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और इस तरह फैक्ट्री से तैयार होकर डेरी मिल्क दुकान तक पहुंचती है जहां से आप इन्हें खरीदते हैं……I Know  डेरी मिल्क में पड़ने वाले कुछ Ingredients के बारे में जानकर आप में से कइयों का मूड खराब हो गया होगा….पर  मैंने तो पहले ही कहा था वीडियो अपने रिस्क पर देखना….और अगली बार किसी प्रोडेक्ट को खरीदने से पहले उसके Ingredients के बारे में जरुर पड़ लेना….कहीं वेज की आड़ में कोई आपको meat product तो नहीं बेच रहा….खैर आज का ये सफर यहीं खत्म होता है …डेरी मिल्क का ये सफर कैसा लगा कमेंट करके बताओ और पोस्ट पसंद आया हो तो लाइक जरुर करना और अपने दोस्तों के साथ भी डेरी मिल्क के इस सीक्रेट को शेयर करो यार….बहुत बहुत धन्यावाद

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