दुनिया के सबसे खतरनाक मिलिट्री हथियार, जिसके नाम से दुश्मन काँपते हैं

हमारी दुनिया अब ऐसे समय में आ चुकी हैं जिसमें टेक्नॉलजी हर दिन एक नया रिकार्ड छू रही है। अब जंग भी मॉडर्न तरीकों से होती है जिसमें आर्टफिशल इन्टेलिजन्स और टेक्नॉलजी अब हम पर हावी होना भी शुरू हो गई है। जहां आज मोबाईल युग आ चुका है वैसे ही military भी टेक्नॉलजी से भरपूर हथियार बनाने में जुटे हुए हैं। आज हम ऐसे मिलिट्री weapons के बारे में बताएंगे जिनके बिना अब military ऑपरेशन अधूरे हैं।

-आपने शायद AIMBOT का नाम विडिओ गेम्स में सुना होगा लेकिन आपको बता दे ये रियल लाइफ में भी exist करते हैं। snipers को असल जिंदगी में बहुत सारे challenges face करने पड़ते हैं। जिसमें विंडस्पीड, डस्ट, फॉग के साथ ही मूविंग टारगेट को शूट करना होता है। इस प्रोसेस को सिम्पल बनाने के लिए SELF GUIDED SNIPER BULLET भी बनाई जा चुकी हैं। ये एक बार में अपना टारगेट अच्छी तरह पहचान लेती है और फिर इसके अंदर मौजूद ऑप्टिकल गाइडन्स  सिस्टम इसको खुद ही टारगेट की तरफ लेकर जाता है। चाहे टारगेट मूविंग position में ही क्यों न हो ये ऑप्टिकल अपना काम कर ही लेता है। इसकी सबसे खास बात ये है कि इसको कोई untrained आदमी भी बहुत स्मार्टली हैन्डल कर सकता है।

-ये कोई मामूली सी दिखने वाली गन नहीं है इसमें गोली की जगह batteries को  भरा जाता है। इसे एंटी ड्रोन गन कहा जाता है जो 2 किमी की रेंज में उड़ रहे ड्रोन को जैम कर सकती है। हाल के कुछ सालों में ड्रोन टेक्नॉलजी भी बढ़ी है साथ ही इसके जरिए हमले भी बढ़े हैं इंडिया पालकिस्तान बॉर्डर पर अक्सर डड्रोन हमले देखने को मिलते हैं। ऐसे में इस तरह की गन की मदद से ही सिक्युरिटी का ध्यान रखा जाता है। जहां एक तरह इसे ट्रैवल फोटोग्राफी के लिए बेस्ट माना जाता है वहीं इसका गलत इस्तेमाल भी बढ़ा है। जिसने पूरी दुनिया की सिक्युरिटी एजेन्सीस की रातों की नींद भी उड़ा दी है। आपको बता दें ये 56 इंच लंबी और 7 kg की एंटी ड्रोन गन एक खास तरह ही रेडियो frequency फेंकती है जो ड्रोन का कनेक्शन उसके ऑपरेटर के साथ तोड़ देती है। इतना ही नहीं उसी टाइम ड्रोन का RTH यानि return to home मोड ऑन हो जाता है और ड्रोन उसी जगह वापस जाता है जहां से वो उड़ा था। ये गन एक तरह का रेडियो frequency jammer है जो कई किलोमीटर में भी काम कर सकता है। इसका इस्तेमाल अक्सर हाई सिक्युरिटी एरिया, पालिटिशन की रैली, पब्लिक speeches और गैदरिंग के टाइम पर किया जाता है।

-अब आप जिस चीज को देख पा रहे हैं ये है ULTRA HEAVY LIFT AMPHIBIOUS CONNECTOR जो खराब मौसम में सबसे ज्यादा काम आता है। चाहे खूब बारिश हो, या बर्फबारी इसकी मदद से हर रास्ता आसान हो जाता है। इसके अंदर इतनी ज्यादा जगह होती है कि ये 40 फिट का कन्टैनर या 3 tanks को भी carry कर सकता है। इसके tracks, air foam से बने हुए होते हैं जिससे ये पानी, बीच और कीचड़ सभी जगह बहुत आसानी से चल सकता है। इसके आगे कोई भी गद्दा या ऊबड़ खाबड़ रास्ता कुछ भी नहीं है।

– मिलिट्री ऑपरेशन में कभी-कभी मौसम भी खराब हो जाता है जिसमें कभी बहुत बारिश में भी ऑपरेशन करना होता है। ऐसे में कीचड़ और पानी में से गाड़ियों या trucks को निकाल पाना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है। ऐसी सिचूऐशन से बचने के लिए सेना में अब folding रोड्स का इस्तेमाल किया जाता है। एक 8*8 truck जिसमें कुछ इस तरह दिखने वाला रोड असेम्बल होता है। जो 10 मिनट के अंदर 165 फुट का रोड बिछा सकता है। ये रोड एल्युमिनियम का बना होता है। ये रोड 90 टन से भी ज्यादा वजन झेल सकता है। इसकी खास बात ये है कि 4 फुट गहरे पानी में भी इसको बिछाया जा सकता है। बारिश के मौसम में मिलिट्री trucks के फिसलने के बहुत chances होते हैं ऐसे में ये काफी काम आता है। जिसे काम होने के बाद वापस फोल्ड कर लिए जाता है।

-जैसा आप ड्रोन गन के बारे में जानते हैं कि वो सिर्फ ड्रोन का उसके ऑपरेटर के साथ कनेक्शन खत्म करता है लेकिन अगर ड्रोन को कब्जे में लेना हो तो SKYWALL 100 BAZOOKA को use किया जाता है। इसे ब्रिटिश कंपनी openworks ने बनाया है जिसमें ड्रोन को कैप्चर करने को ईजी बना दिया है। इसे ड्रोन की तरफ पॉइंट करके अगर फायर किया जाता है तो ये एक नेट फेंकता है जो ड्रोन को पूरी तरह से जकड़ लेता है। उसके बाद इसमें लगा हुआ छोटा सा पैराशूट खुल जाता है और ड्रोन को जमीन पर उतार देता है।

– अक्सर पुलिस और मिलिट्री को दीवार की आड़ से शूटिंग करनी पड़ती है। जिसमें उन्हें गोली लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। लेकिन अब एक ऐसा वेपन आ चुका है जिससे बिना दीवार से झाँके बल्कि दीवार के पीछे से ही निशाना लगाया जा सकता है। corner shooter नाम के इस हथियार के ऊपरी हिस्से में ग्रेनेड launcher लगाया जाता है। जिसे 60 डिग्री तक घुमाया जा सकता है। निशाना लगाने के लिए इसमें कैमरा लगा होता है जिससे दीवार के पीछे रहकर आसानी से टारगेट भी सेट हो जाता है। खुद को खतरे में डाले बगैर इससे मिलिट्री person अटैक कर सकते हैं।

-अब बात करते हैं MQ 8 FIRE SCOUT HELICOPTER की। जिसे अब तक का सबसे अड्वान्स मिलिट्री ड्रोन हेलिकाप्टर माना जाता है। इसमें कई अमैज़िंग फीचर हैं जैसे ये बिना पायलट के 12 घंटे तक fly कर सकता है। वहीं कई मीलों दूर बैठे कंट्रोल यूनिट को लाइव विडिओ इनफार्मेशन भी देता है। इसको उड़ाने से लेकर लैन्डिंग तक पूरी तरह से ऑटोमैटिक होता है। यानि ये जहां भी  डैन्जर हो होता है उसको रिकार्ड करता है और इसे कंट्रोल यूनिट को भेजता है। इतना ही नहीं इसमें THERMAL AUR NIGHT VISION सेंसर रात के समय में भी दुश्मन की विडिओ बना सकते है। इस ड्रोन हेलिकाप्टर में इसके साथ ही ULTRASONIC SONOBUOY भी लगे हैं। जिसे ये ocean में फेंककर 150 किमी की रेंज में पनडुब्बियों का पता लगा सकता है।

-आपने पुलिस और मिलिट्री में सर्विस डॉगस के बारे में जरूर सुना होगा। ये वो काम भी कर सकते है जो इंसान की सोच से भी परे है। जैसे काफी दूर से ही mines या बॉम्बस को detect कर लेना। इन डॉगस की सेफ़्टी के लिए rex specs नाम का चश्मा तैयार किया गया है। जिसमें साइड में लगा हुआ कैमरा officers को लाइव इनफार्मेशन और विडिओ दिखाता है। चाहे कैसी भी लोकैशन को, दिन हो या रात ये कैमरा सब रिकार्ड कर सकता है। ये स्पेक्स वाटर प्रूफ भी है और इसमें एक रेडियो सिस्टम भी है जिसके जरिए डॉगस को रियल टाइम इन्स्ट्रक्शन भी दिए जा सकते हैं।

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