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इंडियन आर्मी की 10 खतरनाक गन जिनसे कांपते हैं दुश्मन

इंडियन आर्मी (Indian Army) की ऐसी बंदूके जिन्हें देखकर ही दुश्मन अपना रास्ता बदल ले… इन बंदूकों से अगर गोली निकल जाए तो एक साथ झुण्ड के झुण्ड खत्म कर दे।

इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर हैं, पिस्टल ऑटो 9 एमएम 1ए….. दोस्तों इंडियन आर्मी के जवान दुशमन को धूल चटाने के लिए इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है, ये एक सेमी आटोमेटिक और सेल्फ लोडेड पिस्टल है. इसको भारत में ही राईफल फैक्ट्री इशापुर में बनाया गया है. इसका इंडियन आर्मी (ARMY) के अलावा , केंद्रीय पुलिस और कई राज्यों की पुलिस इस्तेमाल करती है. इसमें 9×19mm की गोली इस्तेमाल की जाती है. इसमें 13 राउंड की मग्जीन यूज की जाती है. इसकी गोली 1300 फीट per सेकेंड की स्पीड से चलती है. इसे 1973 में डिजाईन किया गया था, और साल 1977 में इसे बनाया गया था .साल 1981 से ये आज तक यूज में ली जा रही है. ये मशहूर पिस्टल ब्राउनिंग हाई पॉवर की लाइसेंस कॉपी है. ये इंडिया के अलावा नेपाल में भी use ली जाती है.

2. M2 BROWNING

इस गन का यूज भारत के साथ साथ काफी देशो में किया जा रहा है. भारत में इसका M2HB यानी M2 हैवी बैरल का use किया जाता है. इसका वजन 38 किलोग्राम है. जबकि इसकी लम्बाई 65.1 इंच है. जबकि इसके बैरल की लम्बाई 45 इंच है. इसमें .50 बीएमजी यानि 12.7 mm कार्टिरेज यानी कारतूस उपयोग में लिए जाते है. ये एक मिनट में 450 से 600 राउंड फायर कर सकती है. इसकी रेंज बहुत खतरनाक है. इसकी गोली की स्पीड 890 मीटर PER सेकंड है. ये लगभग 1.8 किलोमीटर से 7.4 किलोमीटर तक फायर कर सकती है. ये गन 1933 से इस्तेमाल की जा रही है. इस मशीन गन का एक वैरिएंट ब्राउनिंग m1919 ko साउथ की ब्लॉकबस्टर फिल्म kgf 2 me इस्तेमाल किया गया.

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3. AK 203 राईफल

ये AK सीरीज का सबसे एडवांस वर्जन है. AK 47 के बाद से AK- 74, 56, 100 जैसी कुछ SERIES आ चुकी है. AK 203 के लिए अमेठी में आयुध कारखाने का निर्माण किया. इसका निर्माण वहीं किया गया. ये राईफल इसांस राईफल की जगह लेगी. ये राईफल इसांस से हलकी छोटी और ज्यादा खतरनाक है. ये 1 सेकंड में 10 गोलियां चला सकती है, तो वहीँ 1 मिनट में 600 गोलियां मार सकती है. ये राइफल 400 मीटर दूरी पर भी दुशमन पर निशाना लगा सकती है. इसमें 7.62 X 39mm कैलिबर यानी कारतूस का इस्तेमाल किया गया है. AK-203 का वजन 3.8 किलोग्राम है, जबकि इंसास राइफल का वजन बिना मैगजीन और बेयोनेट के भी 4.15 किलोग्राम होता है. ये लम्बाई में भी इसांस राईफल से छोटी है. इसकी लम्बाई 705 मिलीमीटर है. तो वहीँ इसांस की लम्बाई 960 मिलीमीटर है. ये रायफल हाल ही में सेना को सौंपी गयी है. AK-203 राइफल में ऑटोमैटिक और सेमी-ऑटोमैटिक दोनों तरह के वैरियंट मौजूद है.
इसे भारत और रूस ने मिलकर तैयार किया है.

4. विध्वंसक, एंटी मैटेरियल राइफल

ये एक स्वदेशी गन है , इसे ऑर्डिनेस फैक्टरी तिरुचिरापल्ली में बनया जाता है. इसे Border Security Force यूज करती है. इस राइफल का वजन 25 किलोग्राम है. इस राइफल की लम्बाई 1.7 मीटर है. इसे अमेरिकी सेना (American Army) का ARM राइफल के अनुसार बनाया गया है. दुश्मनों के बंकर, वाहन, रडार सिस्टम, संचार साधन और एयरक्राफ्ट को निशाना बनाने में काम मे लिया किया जाता है. राइफल को मैगज़ीन फीड किया जाता है और मैनुअल बोल्ट एक्शन के जरिये फिर से लोड किया जाता है. ये 1800 METER तक की रेंज कवर कर सकती है.

5.NSV हैवी मशीन गन

इसका निर्माण 1971 में किया गया. इसका उपयोग काफी देशो की सेनाएं करती है. भारत में इसका इस्तेमाल सीमा पर मौजूद बंकरो में किया जाता है. इसका निर्माण रूस में किया गया है, जबकि भारत में इसका निर्माण तिरुचिरापल्ली स्थित ऑर्डनेंस फैक्‍ट्री बोर्ड के कारखाने में किया जाता है. इस गन का USE हेलीकॉप्‍टर और फाइटर जेट को गिराने के लिए एंटी-एयरक्राफ्ट गन के रूप में किया जाता है. ये राइफल जमीन से 1500 मीटर ऊपर उड़ रहे एयरक्राफ्ट को भी निशाना बना सकती है. जमीन पर इसकी रेंज 2000 मीटर है. इसका वजन 25 किलोग्राम होता है वहीँ इसकी लम्बाई 61.4 इंच होती है. इसमें 12.7×108 एम एम के कारतूस का इस्तेमाल होता है. ये राइफल एक मिनट में 700 – 800 राउंड फायर कर सकती है. इसमें 50 राउंड की बेल्ट लगती है. इसकी गोली की स्पीड 856 मीटर PER सेकंड है.

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