भारत के सबसे चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर

भारत के कुछ ऐसे मंदिर(Temple) जो भरे पड़े हैं अजीबोगरीब रहस्यों से न तो इन रहस्यों को आज तक कोई सुलझा पाया और न ही इसका किसी के पास कोई जवाब है.

इन मंदिरों में सबसे पहले आता है shani shingnapur मंदिर.  इस देश में सूर्य के पुत्र, शनि देव के कई मंदिर मौजूद हैं. और इन्हीं में से एक मंदिर मौजूद है महाराष्ट्र के अहमदनगर में जिसका नाम है शनिसिगनापुर,,
इस मंदिर की खासियत ये है कि यहाँ पर शनिदेव की एक पाषाण मूर्ति बगैर किसी छत्रऔर गुम्बद के खुले आसमान के नीचे एक संगमरमर के चबूतरे पर विराजमान है. कहा जाता है कि शिंगणापुर शहर में भगवान शनि महाराज का खौफ इतना है कि शहर के ज्यादातर घरों में दरवाजे खिड़कियां और तिजोरी नहीं हैं . यहाँ लोग दरवाजो की जगह परदे लगते हैं और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यहाँ कोई चोरी नहीं होती है. कहा जाता है कि जो भी यहाँ पर चोरी करता है उसे शनि महाराज स्वयं सजा देते है. इस दावे को लेकर यहाँ कई कहानियाँ भी सुनाई जाती हैं… शनि के प्रकोप से मुक्ति के लिए यहाँ विश्व भर से प्रत्येक शनिवार लाखों लोग आता है.

भारत के मंदिर (Temple of India) :

जहां शनि मंदिर में भगवान शनि विराजमान हैं वहीं असम में एक ऐसा मंदिर है जो तांत्रिक पूजा का गढ़ है, इस मंदिर का नाम है कामख्या और यहाँ त्रिपुरा सुंदरी मतांगी और कमला की प्रतिमा मुख्य रूप से स्थापित है. वहीं दूसरी ओर सात अन्य रूपों की प्रतिमाओं को अलग अलग मंदिरो में प्रस्थापित किया गया है.जो मुख्य मंदिर को घेरे हुए है. इसके पीछे की पौराणिक मान्यता ये है कि साल में एक बार ambubachi पर्व के दौरान माँ भगवती प्रकट होती है और माँ भगवती के गर्भगृह में स्थित महामुद्रा से लगातार तीन दिनों तक जलप्रवाह की जगह से रक्त प्रवाह होता है. इस मंदिर के चमत्कार और रहस्यों पर कई किताबें लिखी गई हैं लेकिन मंदिर का रहस्य आज भी अनूठा है.

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खजुराहो का मंदिर इस देश में सबसे रहस्यमई मंदिरों में से एक है,, सोचने वाली बात है कि आखिर ऐसी क्या वजह रही होगी कि उस काल के राजा ने सेक्स को समर्पित मंदिरों की एक पूरी श्रृंखला बनवायी . ये रहस्य आज भी बरक़रार है. खजुराहो वैसे तो भारत के मध्यप्रदेश प्रांत में छतरपुर जिले में स्थित एक छोटा सा क़स्बा है. लेकिन फिर भी भारत में ताज महल के सबसे ज्यादा देखे और घूमे जाने वाले प्रतान स्थलों में अगर कोई दूसरा नाम आता है तो वो है खजुराहो। खजुराहो भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायब मिसाल हैं. चंदेल शाषको ने इन मंदिरो का निर्माण सन 900 से 1130 ईसवी के बीच करवाया था. इतहास में इन मंदिरो का सबसे पहला जो उल्लेख मिलता है. वो अब्बू रिहान अल बरुनी तथा अरब मुसाफिर इब्न बतूता का है. कला पारखी चंदेल राजाओं ने करीब 84 बेजोड़ और लाजवाब मंदिरो का निर्माण करवाया था. लेकिन उनमे से अभी तक सिर्फ 22 मंदिरो की ह खोज हो पायी है. ये मंदिर शिव वैष्णव तथा जैन सम्प्रदायों से सम्बंधित है.

अब बात करेंगे जवाला देवी मंदिर की. ज्वाला देवी का मंदिर हिमांचल के कागड़ा घाटी के दक्षिण में 30 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है. ये माँ सती के 51 शक्तिपीठों में से एक है. जहाँ माता कि जीभ गिरी थी. हज़ारो वर्षो से यहाँ स्थित देवी के मुख से अग्नि निकल रही हैं इस मंदिर की खोज पांडवो ने की थी. इस जगह का एक अन्य आकर्षण ताम्बे पाइप भी है. जिसमसे प्राकृतिक गैस का परवाह होता है. इस मंदिर में अलग अग्नि की अलग अलग नौ लपटे है. जो अलग अलग देविओं को समर्पित है. वैज्ञानिको के अनुसार ये मृत ज्वालामुखी की अग्नि हो सकती है कि सतयुग में महाकाली के परम भक्त राजा भूमिचंद ने स्वप्न से प्रेरित होकर मंदिर बनवाया था जो भी सच्चे मन से इस रहस्मयी मंदिर के दर्शन के लिए आया है उसकी साड़ी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.

अब बात करते है करणी माता मंदिर की.करनी माता का ये मंदिर बीकानेर राजस्थान में स्थित है. बहुत ही अनोखा मंदिर है ये,,,,, इस मंदिर में लगभग 20 हज़ार काले चूहे रहते है. लाखो की संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु यहाँ अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं. करणी देवी को माँ दुर्गा का अवतार माना जाता है. इस मंदिर को चूहों वाला मंदिर भी कहा जाता है. यहाँ चूहों को काबा कहते है. और इन्हे बाकायदा भोजन कराया जाता है. और इनकी सुरक्षा की जाती है. यहाँ इतने चूहे है कि आपको पैर घसीट कर चलने पड़ते है. अगर एक भी चूहा आपके पैरो के नीचे आ गया तो इसे अब्शगुन माना जाता है. कहा जाता कि अगर कोई चूहा आपके पैरो के ऊपर से चले जाते है. तो आप पर देवी की कृपा हो गयी समझो। और यदि आपने सफ़ेद चूहा देख लिया तो आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है.

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