India में इतनी गरीबी क्यों है? | Reality behind poverty in India

दोस्तों में अगर आप से पूछूं कि आप कहां रहते हैं भारत या INDIA…तो आप क्या कहेंगे यही ना कि भारत और इंडिया एक ही तो है फिर मैं ये कैसी बचकानी बात कर रहा हूं…..पर दोस्तों सच यही है अमीरों का इंडिया…जिसकी चर्चा न्यूजपेपर के फ्रंट पेज पर होती है और गरीबों का भारत जो उसी न्यूजपेपर की रद्दी से अपना गुजारा करता है..नहीं समझे…दोस्तों आपने हाल ही में वो खबर तो जरुर पड़ी होगी, जिसमें लिखा था कि भारत दुनिया के सबसे ज्यादा अरबपतियों वाले देशों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है भारत में 140 अरबपति है….जिसमें से 10 अरबपति तो वो है जो दुनिया के 100 सबसे अमीरों लोगों में शामिल है……पर दोस्तों क्या आप ये जानते हैं कि भारत दुनिया के उन देशों में से भी एक है जहां सबसे ज्यादा गरीबी है…या फिर ये कि भारत में एक आम आदमी अच्छी हेल्थ फैसलिटी भी अफोर्ड नहीं कर सकता…….नहीं जानते …खैर दोस्तों ये सब आप जानते भी कैसे होंगे…क्योंकि मीडिया के कैमरे अरबपतियों के घर का पता तो जानते हैं लेकिन गरीब की कुटिया उन्हें कहां नजर आती है….और देखा जाए तो आप और हम भी तो उसी गरीब भारत का हिस्सा है….

जहां हमारे पास डिग्री Master’S की है पर नौकरी 15 हजार की कर रहे हैं……..पर दोस्तों हम से ज्यादा बुरा हाल उन लोगों का है जिनके पास ना खाने को खाना है ना रहने को छत…………..दोस्तों देश में कोई आपदा आए या आर्थिक संकट या फिर कोई महामारी…अगर असर पड़ता है तो सिर्फ गरीब लोगों पर…….जिनका हाल पूछने वाला कोई नहीं है……आखिर क्या है सच… योजनाओँ के नाम पर गरीब महिलाओं के हाथ में कभी राशन कार्ड तो कभी सिलेंडर पकड़ाकर बनाए गए करोड़ों के बैनर या उसी बनैर के नीचे भीख मांगते 4-5 साल के बच्चे….दोस्तों जानता हूं आप में से कइयों को ये बात बुरी लग रही होगी, पर दोस्तों जैसे आँख बंद कर लेने से अँधेरा खत्म नहीं होता वैसे ही इस फर्क को आप भी नहीं झुकला सकते…….ऐसे में दोस्तों सच जानाना तो जरुरी हैना.. कि क्या है देश का सच…. भूखमरी से मरते लोग या फ्रंट पेज पर छपी देश के अरबपतियों की सफलता की कहानी…..तो चलिए अब बिना वक्त गवाए आपको बताते हैं आखिर क्यों है भारत अमीर लोगों का गरीब देश  Factified Special के इस एपिसोड में 

गरीबी (Poverty)  क्या है ?

पर दोस्तों सबसे पहले ये समझ लीजिए कि असल में गरीबी यानी की Poverty होती क्या है क्योंकि अगर आप आईफोन खरीदने चाहते है या रेंज रोवर खरीदने की इच्छा रखते हैं और उसे खरीद नहीं पा रहे तो वो गरीबी नहीं है…दोस्तों आम भाषा में वो व्यक्ति गरीब होता है जो अपनी Basic Essentials जैसे Food, Shelter, Clothes और health से जुड़ी जरुरतें तक पूरी नहीं कर पाता या मुश्किल से पूरी कर पाता है…

दोस्तों किसी भी देश में गरीबी रेखा को वहां की मिनिम इनकम के बेस पर नापा जाता है…. दोस्तों सरकारी रिपोर्ट्स कहती हैं कि भारत के Rural areas में 446.68 और urban में 578.80 महीना या इसे कम कमाने वाले लोग गरीबी रेखा के नीचे आते हैं यानि की ऐसे लोग जिनकी एक दिन की इनकम गांव में 27 रुपये और शहरों में 33 रुपये से कम है…उन्हें सरकार गरीब मानती है… दोस्तों Suresh Tendulkar Committee  रिपोर्ट की मानें तो 21.9 प्रतिशत लोग भारत में गरीबी रेखा से नीचे हैं…पर दोस्तों इस आकड़े को accurate नहीं माना जा सकता क्योंकि दोस्तों एक व्यक्ति की जरुरत से ये पैसे बहुत ही कम है आज की मंहगाई में तो एक दिन का 100 रुपये कमाने वाला व्यक्ति भी भरपेट खाना नहीं खा पता..तो फिर सिर्फ 27 रुपये से नीचे वालों को गरीब कहना गलत होगा 

दोस्तों ऐसे में भारत एक गरीब देश है या नहीं इसका पता सिर्फ World Poverty Index से लगाया जा सकता है……दोस्तों हर देश की मिनिकम इनकम बेस अलग-अलग होता है इसलिए World Poverty Index पर गरीबी सिर्फ  मिनिम इनकम बेस पर नहीं 3 Indicators के बेस पर  नापी जाती है, जिससे किसी देश में गरीबी का सटीक अंदाजा लगाया जा सकता है 

हम भी इन 3 Indicators से आपको बताएंगे कि भारत में गरीबी का स्तर घट रहा है या बढ़ रहा है

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देश में Health Sector का हाल 

दोस्तों Poverty का पहला Indicator हेल्थ है ….जिसमें देश के Nutrition ( पोषण), Hunger Index ( भुखमरी), Child Mortality (शिशु मृत्यु दर )Rate  और Life Expectancy ( औसतन उम्र)  को चेक किया जाता है….

दोस्तों भारत दुनिया के सबसे बड़े Milk Producers में से एक है और फ्रूट, बेजीटेबल, चावल आटे में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है..पर फिर भी देश की 14 प्रतिशत जनता undernourished  है …Hunger Index 2020 में भारत की रैंक 107 देशों में से 94th थी …दोस्तों अगर आपको Hunger Index के बारे नहीं पता है तो बता दूं कि hunger index दुनिया भर में फैली भुखमरी को नापने का एक टूल है….और दोस्तों Hunger Index पर भारत की 94th रैंक साफ दिखाती है कि देश में भुखमरी से लोगों की क्या हालत है .और दोस्तों देश में भुखमरी का सबसे ज्यादा शिकार 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं..जिनमें से कई तो पैदा होते ही दम तोड़ देते हैं और जो बच जाते हैं वो कुपोषण का शिकार होते हैं..इसलिए दोस्तों कभी कोई बच्चा कचरे के डब्बे से खाना खाता मिल जाए तो हैरान मत होना….रिपोर्ट्स के अनुसार गरीबी के कारण 3 लाख से ज्यादा बच्चे देश में भीख मांगने को मजबूर है…और दोस्तों आपको ये जानकर हैरानी होगी कि Hunger Index  में पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश की हालत भारत से बेहतर हैं …और बात अगर अस्पतालों की करें तो उनका हाल तो आप टीवी पर देख ही रहे हैं…प्राइवेट अस्पतालों का खर्च गरीब जनता उठा नहीं सकती और देश में सिर्फ 25,778 सरकारी अस्पताल है…जिनमें भी इलाज के लिए गरीब जनता को संघर्ष करना पड़ता है  

भारत में Education System की Condition 

दोस्तों गरीबी को नापने का दूसरा Indicator  Education यानी कि शिक्षा है…इस Indicator से ये पता चलता है कि किसी देश में कितने लोग अपने बच्चों को पढ़ाने में सक्षम है…..दोस्तों Education Sector में केंद्र और राज्य सरकारों ने कई स्कीम चलाई है जैसे- मुफ्त शिक्षा का अधिकार, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ… भारत का Literacy rate भी पिछले 10 सालों में काफी सुधरा है ..दोस्तों भारत में 77.7 प्रतिशत लोग Literate है जिसमें Male literacy rate 84.7 percent और Female Literacy Rate 70.3 percent है। जो एक अच्छा संकेत है पर दोस्तों भारतीय स्कूलों में प्राइमेरी स्कूल में एडमिशन लेने वाले 95 प्रतिशत बच्चों में से 40 प्रतिशत बच्चे आज भी 9th class से पहले ही स्कूल छोड़ देते हैं…और 32 मिलियन बच्चे ऐसे हैं जो कभी स्कूल ही नहीं गए…दोस्तों पिछले कुछ सालों में मिड डे मिल, फ्री एजुकेशन जैसी स्कीम के जरिए बच्चों को स्कूलों की तरफ आकर्षित तो किया गया है पर दोस्तों इन आकड़ों में अभी कोई खासा फर्क देखने को नहीं मिला है, क्योंकि गरीब परिवार बच्चों को स्कूल भेजने से बेहतर उन्हें काम पर भेजना सही समझते हैं जिससे चाइल्ड लेबर के केसस बढ़ते है…दोस्तों रिपोर्ट्स के मुताबिक आज भी देश में 6 से 14 उम्र के 10 मिलियन से ज्यादा बच्चे चाइल्ड लेबर का शिकार है….

भारत का Standard of Living 

दोस्तों तीसरा और आखिरी Indicator है Standard Of Living …जिसमें लोगों की Per capita income, electricity, sanatation और प्रॉपर्टी के बेस पर ये चेक किया जाता है कि किसी देश में लोगों की average income कितनी है, कितने लोगों के पास रहने के लिए घर और कितने लोगों को बिजली और पानी की सुविधा उपलब्ध है 

दोस्तों Standard of living को जानने का सबसे सरल तरीका per capita income है…इसे आप किसी देश में एक व्यक्ति की एवरेज इनकम भी कह सकते हैं…पर दोस्तों भारत में इसका सही अंदाजा लगाना मुश्किल है क्योंकि भारत में अमीर और गरीब की इनकम में फर्क बहुत ज्यादा है, 

फिर भी सरकार और कई इंटरनेशनल कंपनियां अपने Indicator Tools से Per Capita को नापते हैं 

दोस्तों Picodi.com ने average monthly wage 2021 की रिपोर्ट में 107 देशों का सर्वे किया था जिसमें भारत को 72th रैंक मिली है…..दोस्तों इसी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में average monthly wage 437 यूएस डॉलर यानी कि 32,800 रुपये हैं…दोस्तों average monthly wage किसी देश में एक व्यक्ति की टैक्स कटने से पहले होने वाली एवरेज इनकम होती है…टैक्स कटने के बाद एक आम आदमी के हाथ में कितना बचता है ये इसमें क्लियर नहीं है…और दोस्तों हकीकत में एक आदमी की Average income हमारे देश में कितनी है ये तो आप जानते ही हैं…… दोस्तों इस लिस्ट में नंबर वन पर स्विजरलैंड है जहां एक व्यक्ति एक महीने में औसतन 4,49,000 (USD 5,989) कमाता है …दोस्तों अब आप फर्क अपने आप देख सकते हैं ….चाइना, थाइलैंड और मलेशिया का average monthly wage भी भारत से बहुत ज्यादा है…यानि कि भारत में मिडिल क्लास कैटगरी में गिना जाने वाला व्यक्ति भी इन देशों में गरीब है ….दोस्तों ये एक रिसर्च कंपनी का किया सर्वे है इसलिए अब हम सरकारी आकंड़ों पर नजर डालते हैं…दोस्तों भारत की Per capita में पिछले कई सालों से लगातार सुधार देखा गया है…लेकिन 2020 में महामारी के बाद ये एक बार फिर गिरने लगा है…… … दोस्तों 2018-19 में भारत की Per capita 1,25,408 थी इस साल  per capita में 10 प्रेंसेट की ग्रोथ देखी गई…लेकिन दोस्तों 2019-20 में per capita में सिर्फ 6 प्रेंसेंट की ग्रोथ हुई इस साल भारत का per capita 1,70,048 रुपये रहा….यानि कि भारत में एक व्यक्ति औसतन  14,170 महीना कमाता है….और 2020 में महामारी की मार ने per capita ग्रोथ को माइनस में पहुंचा दिया…..यानि भारत में मिडिल क्लास फैमिली की मिनिम आय 14 हजार से भी कम हो गई….जबकि मंहगाई दर देश में लगातार बढ़ रही है……..और दोस्तों इतनी कम सैलरी में घर चलाना कितना मुश्किल होता है ये तो आप जानते ही हैं…………..

अब दोस्तों बात बिजली पानी और शौचालय की करतें है…..क्योंकि इनके बिना तो आज के समय में जीवन की कल्पना करना भी मुश्किल है….दोस्तों अगर कभी 1 घंटे के लिए भी बिजली चली जाए तो हम ट्विटर पर ट्वीट करने लगते हैं…पर दोस्तों क्या आपने कभी भारत की उस 13 प्रतिशत जनता के बारे में सोचा है जिनके घरों में आज भी बिजली नहीं है…हां सरकार ने देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा किया है पर दोस्तों सच्चाई ये है कि देश के कई गांवों में आज भी बिजली की सुविधा नहीं है और जिन गांवों तक बिजली पहुंचाई भी गई है वहां भी बिजली कई कई घंटों तक गुल रहती है और मीटर चालू…और दोस्तों फिर गरीब जनता पर लाखों का बिल थोप दिया जाता है..दोस्तों ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां बिजली नहीं आई लेकिन लाखों का बिल बिजली विभाग ने घर भेज दिया….दोस्तों आपने शाहिद कपूर की बत्ती गुल मीटर चालू तो देखी ही होगी…ये फिल्म बिजली विभाग के इसी स्कैम पर बनी थी….और दोस्तों बात अगर पीने के पानी की करें तो देश की हालत और खराब है … unicef के मुताबिक भारत में 50 प्रतिशत से भी कम लोगों को साफ पीने का पानी मिलता…दोस्तों देश में 30 मिलियन से ज्यादा लोग ग्रांउड वाटर पीते हैं जिसमें से 85 प्रतिशत Rural areas के लोग हैं…… 

दोस्तों Standard of living में घर भी बहुत जरुरी होता है…दोस्तों कितने लोगों के पास अपना घर है…इसी से पता लगाया जाता है कि गरीबी का स्तर कितना खराब है…वैसे तो सरकार ने गरीब लोगों के लिए कई Housing Scheme चलाई है जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना सबसे पॉपुलर है…और सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना के तहत 2022 तक 2 करोड़ भारतीयों को अपना घर मिल जाएगा…और रिपोर्ट्स की मानें तो 32 लाख घर तैयार भी हो चुके हैं …पर दोस्तों इसकी कोई गांरटी नहीं है कि ये घर जरुरत मंदों को मिल पाएंगे..क्योंकि पिछली सरकारें भी ऐसी स्कीम चला चुकी हैं फिर भी भारत में 108,000 slums एरिया है जहां पर देश की 6.5 करोड़ से ज्यादा आबादी रहती है ..और ये स्लम एरिया देश में कोलकत्ता, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बैंगलोर और चेन्नई जैसे शहरों में है जहां के रहन सहन की तुलना न्यूयॉर्क लंदन से की जाती है…..दोस्तों सरकार एक तरफ Housing Scheme चलाती है और दूसरी तरफ सरकारी विभाग लोगों को बेघर कर देते हैं…दोस्तों पिछले साल जम्मू कश्मीर Admistration  ने एक कागजी नोटिस भेजकर कश्मीर की पॉपुलर ट्रायबल कम्युनिटी gujjars और barkarwaal के घर उजाड़ दिए…और इन लोगों को भारी बर्फबारी में बेघर कर दिया…इस कम्युनिटी के ज्यादातर लोग या तो मजदूर हैं या खेती और भेड़ बकरी चराकर अपना घर चलाते हैं….दोस्तों इन लोगों ने पाई पाई जोड़कर खुद ये घर तैयार किए थे, लेकिन विभाग ने सरकारी जमीन बताकर ये घर गिरा दिए और अब ये लोग टिन के घरों में रहने को मजबूर है…इस Demolishing के लिए Admistration ने ना तो समुदाय को मुआवजा दिया और ना रहने के लिए किसी और जगह घर अलोट किए.. 

दोस्तों इन आकड़ों और रिपोर्ट्स से अब तक आप भी देश की हालत समझ ही चुके होंगे और आपके आंखों पर बंधी विकास की झूठी पट्टी हटी होगी…पर दोस्तों हमारे लिए यहां ये जान लेना भी बहुत जरुरी है कि देश में गरीबी की असली वजह क्या है 

भारत में अमीर गरीब के बीच का फर्क 

दोस्तों देश में गरीबी का सबसे बड़ा कारण अमीर-गरीब का फर्क है..जिसे हम Wealth Gap भी कहते हैं…यानी की लोगों की आय में अंतर होना…दोस्तों इसी अंतर के कारण भारत नजर तो अमीर आता है पर यहां की आधे से ज्यादा जनता गरीब है…दोस्तों एक रिसर्च के मुताबिक इंडिया के 10 प्रतिशत अमीर लोग के पास देश की टोटल आय का 74 प्रतिशत है…और दोस्तों  लॉकडाउन में ये फर्क और बढ़ गया है ….साल की शुरुआत में गौतम अडानी की इनकम में आया 16 अरब डॉलर का उछाल इसका सबसे अच्छा उदाहरण है.. 2020-21 में गरीब लोगों की इनकम और कम हो गई..जबकि मुकेश अंबानी, गौतम अडानी, Shiv Nadar और Lakxhmi Mittal जैसे भारतीय अरबपतियों की इनकम कई गुना बढ़ी है…महामारी के पहले 5 महीने में 2 करोड़ से ज्यादा सैलरी Employees ने अपनी जॉब खोई.. ..यानी की अमीर और अमीर बन गए…गरीब और गरीब हो गया…दोस्तों अब तो आप समझ गए ना कि मैने क्यों कहा भारत अमीर लोगों का गरीब देश है  

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बढ़ती बेरोजगारी और कम Labour Cost 

दोस्तों लोगों की नौकरी जाने से देश में बेरोजगारी और बढ़ गई है…पर दोस्तों इसमें सिर्फ महामारी या लॉकडाउन का दोष नहीं है…लॉकडाउन से पहले भी देश में बेरोजगारी का स्तर कुछ अच्छा नहीं था.. लेकिन दोस्तो ये जरुर सच है कि लॉकडाउन ने उन लोगों को भी बेरोजगार कर दिया जिनके पास पहले रोजगार था….दोस्तों 2021 में Unemployment rate 7.8 है, जो दिंसबर 2020 में 9.06 था…और जून 2020 में 10 प्रेंसेंट पहुंच गया था… पर दोस्तों देश में जिन लोगों के पास रोजगार है उनका हाल भी कुछ खास अच्छा नहीं है ……दोस्तों देश की 70 प्रतशित जनता किसानी करती है जिनका हाल तो अब पूरी दुनिया जानती है वहीं बाकी बची जनता Labour Cost  का शिकार है….दोस्तों भारत उन देशों में से एक है जहां की Labour Cost सबसे कम है और यही वजह है कि दुनियाभर की बड़ी बड़ी कंपनियां भारत में अपने प्लांट लगा रही हैं क्योंकि भारत में उन्हें अपने देश के मुकाबले सस्ते कर्मचारी मिल जाते हैं……सरकारी भी इन कंपनियों को टैक्स में छुटी देती है पर इन कंपनियों को लगाने के लिए जो जमीन गरीबों से छीनी जाती हैं उन्हें रहने के लिए ढंग का घर तक नहीं मिलता…,,रोजगार के नाम पर भत्ता मजदूरों को कंपनियां अधिकतम 100 रुपये देहाड़ी देती है, जिसमें उनसे पत्थर ढोना जैसे कई काम कराए जाते हैं और अगर कंस्ट्रक्शन साइट पर किसी मजदूर की मौत हो जाए तो उसके परिवार को कोई खास मुआवजा भी  नहीं दिया जाता …सिर्फ unskilled नहीं Skilled Workers का भी हाल ऐसा ही है… …दोस्तों भारत में Contract Workers को मिनिम 10 हजार रुपये सैलरी दी जाती है जबकि चाइना में Contract Worker की मिनिम सैलरी 16 से 17 हजार रुपये हैं…….भारत दुनिया के उन पांच देशों में से एक है जहां कम सैलरी पर ज्यादा घंटे काम कराया जाता है…इस लिस्ट में कतर, मंगोलिया,Gambia और मालदीव ही सिर्फ भारत से आगे हैं..भारत में एक व्यक्ति औसतन 48 घंटे काम करता है…जबकि यूएस में एक व्यक्ति औसतन 34 से 40 घंटे काम करता है…जिसके लिए उन्हें एक भारतीय के मुकाबले औसतन 3 से 4 तीन गुना सैलरी मिलती है…और यही वजह है कि ज्यादातर भारतीय विदेशों में नौकरी करना पसंद करते हैं…और जो विदेश नहीं जा सकते वो देश में कम सैलरी पर ज्यादा घंटे काम करने को मजबूर हैं….यानि की देश में रोजगार व्यक्ति भी एक तरह से गरीब ही है 

Saving पर फोकस Investment पर नहीं 

दोस्तों भारत में गरीबी का एक कारण Saving भी है….दोस्तों दुनियाभर के देश Investment Policy को प्रमोट करते हैं जबकि भारत में लोग अभी भी सेविंग पर जोर देते हैं…दोस्तों बैंक सेविंग के नाम पर गरीब लोगों कम दर पर ब्याज देकर सिर्फ लूटने का काम करते हैं .. और खुद उस पैसे का इस्तेमाल बॉन्ड, लोन और शेयर्स में करते हैं…जबकि दोस्तों दूसरे देशों में लोग FDI Scheme, Mutual Fund, E- Gold, Shares, Bond में इनवेस्ट करते हैं जिससे उनकी और उनके देश की इनकम में सुधार होता है…और अब तो दोस्तों लोग डिजिटल करेंसी बिटकॉइन में भी इनवेस्ट करने लगे हैं….लेकिन दोस्तों हमारे देश में शिक्षा के अभाव की वजह से आम जनता को इन शब्दों के मतलब ही नहीं पता…इसलिए वो कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी अपनी जिंदगी सुधार नहीं पाते  

Voting Rights को लेकर जागरुक ना होना  

दोस्तों बढ़ती गरीबी का सबसे बड़ा और आखिरी कारण राजनीति है..क्योंकि दोस्तों अगर आजादी के बाद से ही सरकार और राजनीतिक पार्टियों ने इन क्षेत्रों पर काम किया होता तो आज भारत में एक व्यक्ति औसतन आय अमेरिका के बराबर होती….पर दोस्तों सच्चाई यही है कि पार्टीज के लिए गरीबी वो मद्दा है जिसके दम पर वो आसानी से चुनाव जीत सकते हैं ….दोस्तों अगर देश में गरीबी कम होती है तो पॉलिटिकल पार्टीज को उनकी रैलियों में आने के लिए लोग नहीं मिलेंगे…नेताओँ की झूठे वादे सुनने वाला कोई नहीं होगा…लोग अपने वोटिंग राइट को लेकर ज्यादा जागरुक होंगे …जिससे देश तो तरक्की करेगा पर गरीब लोगों के दम पर कुर्सी पर बैठने वाली पॉलिटिक्ल पार्टीज का करियर खत्म हो जाएगा…और इसलिए दोस्तों नेता वादे कितने भी करें लेकिन गरीबी को वो पूरी तरह खत्म करेंगे इस पर यकीन करना मुश्किल है 

Conclusion 

दोस्तों अगर इन सभी इंडेक्टर्स के आधार पर देखें तो भारत की 60 से 70 प्रतिशत जनता आज भी गरीबी में ही जी रही  है…..दोस्तों हमने post की शुरुआत में ही कहा था कि हम आपको भारत की गरीबी का सिर्फ सच नहीं दिखाएंगे बल्कि इसके समाधान पर भी बात करेंगे …..और दोस्तों समाधान में हम आपसे ये नहीं कहेंगे कि अगर शिक्षा का स्तर सुधार जाए, सरकार Minimum wages बढ़ा दे…..और अगर बेरोजगारी कम हो जाए तो देश की गरीबी खत्म हो सकती है…क्योंकि दोस्तों ये सब आपके हाथ में नहीं है….पर दोस्तों आपके पास आपका वोटिंग राइट है जो इन सभी समस्याओँ को एक साथ सुलझा सकता है……दोस्तों आपको भले ही वोटिंग राइट की वैल्यू ना पता हो पर दोस्तों आपका एक वोट भारत की पूरी तस्वीर बदल सकता है…दोस्तों चुनाव चाहे नगर निगम का हो, ग्राम प्रधान का हो या लोकसभा का हो…आप पहले कैंडिडेट की Qualification के बारे में पढ़िए,Candidate के क्राइम रिकॉर्ड को चेक कीजिए…..और फिर Candidate को वोट कीजिए..राजनेताओं की सिर्फ वाहवाही करने वाली खबरों को बॉयकट करे और सच को पहचानना सीखें……..और एक ऐसी सरकार को चुनें जो हेल्थ एजुकेशन सेक्टर में ज्यादा फोकस करें…daily wages workers के लिए minimum wage इतना तय करें कि उन्हें तीन वक्त का अच्छा खाना मिल सकें और वो अपने बच्चों को स्कूल भेज पाएं…..

दोस्तों सरकार में बैठे नेता पढ़े लिखे हो या नहीं…लेकिन जबतक जनता समझदार नहीं बनेगी…तक तक सरकार भी आपकी मांगे पूरी नहीं करेगी …… दोस्तों पर पहले आप अपने आपको लाचार और असहाय समझना बंद करना होगा…क्योंकि दोस्तों सरकारी की कोई स्कीम हो या कोई प्रोजेक्ट ….पैसा आपके टैक्स के पैसों से ही जाता है……..तो दोस्तों उम्मीद है कि इस post ने आपके आंखों को पर पड़ी धूल को साफ कर दिया होगा….ये post आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं और post पसंद आया हो तो लाइक और शेयर जरुर करें…आज के लिए बस इतना ही अगले हफ्ते फिर हाजिर होंगे किसी ऐसे ही मुद्दे के साथ जो आपकी नजरों के सामने तो हैं पर जिसके सच से आप अनजान है…..

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