Surrender करने वाले आतंकवादियों को क्यों किया जाता है आर्मी में भर्ती ??

दोस्तों भारत का कश्मीर एक ऐसा राज्य है जहां पर सबसे ज्यादा ट्रेरिरस्टि अटैक देखने को मिलते हैं …..आतंकवादी सगंठन यहां रहने वाले युवाओं का ब्रैन वॉश कर या जबरन अगवाह कर उन्हें अपने संगठन में शामिल कर लेते हैं..

और क्योंकि ये युवा कश्मीर की वादियों में पले बड़े होते हैं इसलिए इनके जरिए आतंकी हमलों को अंजाम देना आसान हो जाता है….अब हमारे देश के Soilders चाहें तो आतंकवादियों मिनटों में मार गिरा सकते हैं …

पर दोस्तों अब आर्मी ने कश्मीर के युवाओं को बचाने का एक नया रास्ता निकाला है…आर्मी आतंकी गतिविधियों से जुड़े युवाओं को surrender करने के लिए प्रेरित करती हैं और उन्हें आर्मी में भर्ती करती हैं 

आतंकी संगठनों को छोड़ आर्मी में भर्ती हुए इन जवानों को विक्टर फोर्स कहा जाता है…..विक्टर फोर्स जवानों को आतंकवादियों के ठिकानों का पता लगाने में मदद करती है…

पर दोस्तों अब ऐसा भी नहीं है कि हर आतंकी को फोर्स में ज्वाइन कर लिया जाता है….फोर्स में ज्वाइन करने से पहले युवा की हर डिटेल निकाली जाती है 

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और पता लगाया जाता है कि वो कश्मीर में कहां का रहने वाला है और वो अब तक किन किन आतंकी सगंठनों का हिस्सा रह चुका है..फोर्स में भर्ती  करने के बाद भी आर्मी इन्हें लगातार मॉनिटर करती है…

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