mostbet casino mosbet4r betpin up india4rabet bangladeshmostbetparimatchmostbetlucky jet1win casino1 win online1 winluckyget1 winmostbet indialucky jet onlinepin up casino indiapin up kzparimatchpin up1 winpin up onlinemostbetpin up casino4x betmosbet casino1win casino1win login1 win casinopin upmostbet aviator loginmostbetmosbet aviator1 win4rabetmosbetmosbetaviator mostbetpin up1 winpin upmostbet casinopinuplucky jet online1win slots1win aviatormostbet1win cassinomostbetaviatoronewinlucky jet

क्या आप जानते हैं बॉडी बिल्डिंग के पीछे का काला सच?

दोस्तों कौन नहीं चाहता मसल्स और 6 पैक एब्स बनाना …लेकिन ऐसी अविश्वसनीय बॉडी बनाना कोई बच्चों का खेल तो है नहीं.… इसीलिए प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग में जिम और स्ट्रिक्ट डाइट के अलावा और भी कई तिगड़में लगाई जाती है रॉक या फिर जॉन अब्राहम जैसी शानदार बॉडी पाने के लिए…जिनमे से कुछ बेहद टफ हैं तो कुछ ऐसी जिनमे जान जाने तक का खतरा है

तो तैयार हो जाइए आज हमारे साथ factified के इस खास पोस्ट में बॉडी बिल्डिंग की इस डार्क साइड को देखने के लिए 

दोस्तों सोशल मीडिया पर बॉडी बिल्डर्स और सो कॉल्ड फिटनेस freaks की फोटोज को देखकर अगर आप यह सोचते हैं की यह बॉडी बिल्डर्स तो पूरा पूरा दिन gym में रहते होंगे या फिर मार्किट में ऐसा कोइ प्रोटीन होगा जिसे खाकर यह कुछ ही हफ़्तों में बीस्ट बॉडी बना लेते हैं तो मैं आपको बतादूँ की यह आपका वहम है, सारा कमाल तो है स्टेरिओड्स का …..बोले तो मसल्स फुलाने वाले ड्रग्स….अब दोस्तों यह स्टेरॉइड्स और कुछ नहीं होते बल्कि हमारी बॉडी में ही कुदरती तौर पर पाए जाने वाले एक हॉर्मोन का आर्टिफीसियल फॉर्म होते हैं जिन्हे बॉडी में इंजेक्ट करने से हम स्पेसिफिक बॉडी फंक्शन्स को इम्प्रूव कर सकते हैं.बात करें एनाबोलिक स्टेरॉइड्स की तो यह मेल सेक्स होर्मोनेस जिन्हे एण्ड्रोजन भी कहते हैं उसका ही आर्टिफीसियल रूप होता है और इनमे से सबसे पावरफुल एण्ड्रोजन का नाम टेस्टोस्टेरोन होता है जो परिमारिल्य होता तो मेल हॉर्मोन है लेकिन बहुत काम मात्रा में यह महिलाओं में भी प्रोडूस होता है.स्पोर्ट्स खेलने वाले खिलाड़ी या फिर gym में एक्सरसाइज करने वाले अपनी परफॉरमेंस को एनहान्स करने के लिए ही इन एनाबोलिक स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं 

यह स्टेरॉइड्स कितने आम हैं यह आप किसी भी हाई फाई gym में जाएंगे और तो कुछ दिन ट्रेनिंग करेंगे तो आपको खुद बी खुद पता चल जाएगा.इन gyms में काम करने वाले फिटनेस कोच या फिर gym ट्रेनर्स ही वह सबसे प्राइमरी सोर्स होते हैं जो gym आने वाले जवान लड़के लड़कियों को स्टेरॉइड्स की दुनिया से रूबरू करवाते हैं.अब स्टेरिओड्स को मैं बॉडी बिल्डिंग की डार्क साइड से जोड़ कर क्यों दिखा रहा हूँ. उसे समझने के लिए आपको किसी ऐसे को सुन न चाहिए जिसने इसे बेहद करीब से देखा हो.

Also read | आखिर कैसी होती है LOC  पर एक सोलजर की जिंदगी?

यह हैं दोस्तों करोड़ों लोगों के फिटिनस आइडल CT फ्लेचर जिन्होंने अपने एक इंटरव्यू में स्टेरॉइड्स के बारे में यह कहा. CT फ्लेचर“आप स्टेरॉयड इस्तेमाल करते हैं ये काम भी करता है …मैंने भी इस्तेमाल किया है …मेरी नसें फूल गई थी…त्वचा इतनी सख्त हो गई थी कि इंजेक्शन भी नहीं घुसता था..मेरी कमर के निचे का हिस्सा सख्त हो गया था…इंजेक्शन की सुई टेडी हो जाती थे…और यही अंत होता है…धीरे धीरे यह ड्रग्स मुझे पागल बना रहे थे…मैं लोगों को सिर्फ मेरी गाड़ी पर घूरने के लिए मार देना चाहता था…एक बार मेरी वाइफ 5 मिनट लेट हो गई थी और जब वो घर आई तो मेरा मन किया कि मैं उसे मार दूं .…”दोस्तों स्टेरिओड्स आपके best बॉडी के ख्वाब को चंद दिनों में पूरा कर सकते है पर स्टेरॉयड का पहला डोज बॉडी में जाते ही ये आपके शरीर को अंदर से खत्म करना शुरु कर देती है….

बाहर से बॉडी ऐसी नजर आती है कि दस लोगों को साथ में पटखनी दे दे लेकिन असल में अंदर से खोखली होती जाती है…डॉक्टर्स का साफ़ कहना है की स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल से हमारी बॉडी की इम्युनिटी काम होती जाती है.लेकिन मसल्स पावर परफॉरमेंस और एब्स की चाहत रखने वाले युवाओं की इस मेडिकल एडवाइस से कुछ लेना देना नहीं वह तो बस एक कमाल की वाओ बॉडी चाहते हैं किसी भी कीमत पर.और यह कोई सस्ते भी नहीं आते और इसलिए बड़ी बड़ी फार्मा कम्पनीज भी इन्हें धड़्डले से मार्केट में ऊंचे दामों पर बेचती है 

स्टेरॉइड्स की ब्लैक मार्किट फार्मा कम्पनीज कुछ डॉक्टर्स और gym ट्रेनर्स का एक ऐसा नेक्सस है जो मिलझुल कर नासमझ युवाओं की बॉडी की चाहत को जमकर एक्सप्लॉइट करते हैं और करोड़ों रूपए कमाते हैं.सभी ऐसा ही करते हैं मैं ऐसा भी नहीं कह रहा लेकिन क्या आपने कभी गुजर किया है की gym में 25-30000 की नौकरी करने वाला ट्रेनर नाइके के कपडे एडिडास के जूते और लेटेस्ट से लेटेस्ट आईफोन अफ़्फोर्ड कैसे कर लेते हैं.बिना प्रिस्क्रिप्शन इन ड्रग्स को बेचना इललीगल है इसलिए किसी जिम के काउंटर पर पिनट बटर के साथ स्टेरिओड्स नहीं बिकते और ना कोई जिम ट्रेनर सामने से आपको ये ड्रग्स लेने को कहेगा…हां लेकिन अगर कोई बॉडी पाने के पागलपन में खुद उनसे इसकी गुजारिश करने लगे और उन्हें भी लगे की आपकी जेब भारी है तो ये स्टेरॉइड्स आपको मिल ही जाएंगे.

लेकिन इनमे से ज्यादातर ट्रेनर्स न तोह प्रोफ़ेस्सिओनल्ल्य त्रिनेड होते हैं इन्हे एडमिनिस्टर करने के लिए और न ही वह उसेर्स कोइन प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स के साइड इफेक्ट्स के बारे में बताते हैं.दोस्तों ऐसा भी नहीं है की इनका इस्तेमाल पुरुष ही कर रहे हों प्रोफेशनल बॉडी बिल्डिंग करने वाली महिलायें भी इनके इस्तेमाल से हिचकती नहीं हैं.स्टेरिओड्स के साइड फैक्ट्स में शरीर में सूजन वजन का बढ़ना जैसी चीज़ें तो आम हैं लेकिन लंबे टाइम तक स्टेरिओड्स लेने से ब्लड प्रेशर डाइबिटीज लिवर में सूजन और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी होने की सम्भावना बाद जाती है.ये खतरनाक स्टेरिओड्स पुरुषों में टेस्टिकल्स को श्रिंक कर देते हैं…जिसकी वजह से बॉडी बिल्डर्स में इम्पोटेंसी मने की नपुंसकता होने के भी चान्सेस होते हैं. महिला बॉडी बिल्डर्स में स्टेरिओड्स के इस्तेमाल से फेसिअल हेयर का उगना हेयर लॉस की शिकायत और पीरियड्स में प्रॉब्लम जैसे साइड फैक्ट्स होते है…ये ड्रग इंसान को इतना चिड़चिड़ा गुस्सैल बना देते हैं कि इन्हें लेने वाला व्यक्ति छोटी छोटी बातों पर भी दूसरों से झगड़ा करने लगता है…..

जैसा CT फ्लेचर के साथ हुआ था वो इन स्टेरिओड्स के कारण इतने डिप्रेश हो चुके थे कि अपनी बीवी को भी मारने वाले थे…स्टेरिओड्स के कारण कट फ्लेचर को 2005 में हार्ट की बिमारी भी हुई थी जिसके चलते उनकी ओपन हार्ट सर्जरी भी करनी पड़ी थी…3 बार हार्ट सर्जरी के बाद भी जब फ्लेचर ठीक नहीं हुए तो 2017 में उनका हार्ट ट्रांसप्लांट कर करना पड़ा था…और अब वो बॉडी बिल्डिंग की इस काली दुनिया को पूरी तरह अलविदा कह चुके हैं… ऐसी ही कहानी है मर ओलम्पिया रोने कोलेमन की जिनका नाम शायद आपने भी सुना होगा.पेशे से बॉडीबिल्डर रोने ने 30 साल की उम्र में स्टेरिओड्स लेना शुरु किया था जिसके बाद शुरुआत में तो उन्हें पैसा और फेम दोनों खूब मिला लेकिन स्टेरिओड्स ने उनकी बॉडी का ऐसा हाल किया कि उन्हें 10से ज्यादा बैक सर्जरी करानी पड़ी और वो अब ठीक से चल भी नहीं पाते हैं….

रोने कोलेमन ने भी अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि स्टेरिओड्स की वजह से उन्हें सुसाइडल थॉट्स आने लगे थे…उनका शरीर इतना भारी हो गया था कि वो झुक तक नहीं पाते थे…….इनके अलवारीच पाना और आंद्रेआस मुंज़र भी बॉडी बिल्डिंग की दुनिया के पॉपुलर नाम रहे हैं…. पर इन दोनों की हालत तोह रोने कोलेमन और कट फ्लेचर से बुरी हुई रिच पाना की मौत की वजह भी यह स्टेरॉइड्स ही बने.. ऑटोप्सी में यह बात सामने आयी की उन्हें दिल की बीमारी थी और उनके लिवर और हार्ट का साइज भी एक आम आदमी से दोगुना थां, मुंज़र की बात करें तो उसे एक शानदार बॉडी पाने का ऐसा भूत सवार था कि उसने अपनी बॉडी को मसल्स से भर लिया था आलम यह था की उन के शरीर में सिर्फ 5 प्रेसेंट फैट बचा था…लेकिन सिर्फ 31 साल की उम्र में ही उनकी किडनी और लिवर दोनों फ़ैल हो गये और उनकी मौत हो गई…दोस्तों यह स्टेरॉइड्स नशे के जैसे होते हैं क्योंकि एक बार इन्हे अगर बॉडी में इंजेक्ट कर लिया तो उस आदमी को अपनी नयी क्षमताओं पर पहले पहले तो विश्वास नहीं होता पर फिर उसे उस ताकत की लत सी लग जाती है.लेकिन जैसा की आप जानते हैं की किसी भी ड्रग के लॉन्ग टर्म उसे के बाद उसका शरीर पर प्रभाव घटने लगता है और फिर उन्ही पहले वाले रिजल्ट्स के लिए दोसे को बढ़ाना पड़ता है सेटरॉयड लगाने के बाद इन बॉडीबिल्डर्स को जिम में भी घंटों पसीना बहाना पड़ता है…

Also read | Allopathy या Ayurveda? कौन सी साइंस है बेहतर ?

एक्सरसाइज के दौरान बॉडी बिल्डर्स अपने ज्वाइंट और लिगमेंटस पर बेहिसाब स्ट्रस डालते है जिस वजह से इन्हें बैक पैन और सोल्डर पैन तो हमेशा ही रहता है….और तो और बॉडी बिल्डर्स प्रेजेंटेशन से कई दिनों पहले ही पानी पीना भी छोड़ देते हैं ताकि उनकी बॉडी शेप अच्छे से दिखे….इसके अलावा और भी कई परेशानियां है जो इन बॉडी बिल्डर्स को रोज झेलनी पड़ती हैं..और यह सब झेलते हैं सिर्फ इस पिक्चर परफेक्ट बॉडी को पाने के लिए…..दूसरा एक और बहुत इम्पोर्टेन्ट पॉइंट है जो बॉडी के शौक़ीन लोगों को समझना चाहिए. और वह यह है की जिन फिल्म स्टार्स और मॉडल्स की बॉडी देखकर हम सोचते हैं की ऐसी ही बॉडी बनानी है हम यह नहीं सोचते की उन सेलेब्स के साथ बड़े बड़े फिटनेस ट्रेनर्स और डॉक्टर्स की टीम काम करती है ताकि इन ड्रग्स का सेफ एडमिनिस्ट्रेशन किया जा सके और साथ ही इसके साइड इफेक्ट्स भी काम से काम हों.लिमिटेड नॉलेज के साथ ऐसे रिस्की ड्रग्स को हैंडल करना न सिर्फ डेंजरस है बल्कि स्टुपिड भी है. तो याद रखें की आपको स्टुपिड नहीं बनना है.और अब शायद आप समझ गए होंगे की कैसे स्टेरिओड्स ही बॉडी बिल्डिंग की वो डार्क साइड है जो हम जैसे आम लोगों कोइन बॉडी बिल्डिर्स की शानदार बिस्ट बॉडी के आगे नजर नहीं आती…..

पर इस काली दुनिया का हिस्सा रह चुके रोने कोलेमन और कट फ्लेचर जैसे बॉडी बिल्डर्स जानते हैं कि वो किस दलदल से निकलकर आए हैं… और सच कहें तो आज बॉडी बिल्डिंग बिना इन सेटरॉयड के कुछ रह भी नहीं गई है…. ये तो आप भी मानेंगे कि बिना सेटरॉयड के कम वक्त में ऐसी कमाल की बॉडी नामुनिकन है… तो अगर आप भी किसी ऐसे जान पहचान वाले की नयी नवेली बीस्ट बॉडी देखकर परेशान हो रहे थे अब आप जानते हैं की यह किसका कमाल है.और स्टेरॉइड्स लेकर अगर आपने हल्क जैसी बॉडी बना भी ली तो क्या? बहार से पिक्चर परफेक्ट दिखने वाली यह बॉडीज अंदर से कितनी खोखली हैं अब आप भी जानते हैं.. 

कुछ भी काम का सीखा हो तो इस पोस्ट को खुद तक सिमित न रखे अपने सभी शौक़ीन दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इसे शेयर ज़रूर करें आप इसके बारे में क्या सोचते हैं निचे कमैंट्स में लिखकर सबके साथ शेयर कर सकते हैं आपका बहुत बहुत शुक्रिया

Latest articles

spot_imgspot_img

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img