तिरुपति बालाजी मंदिर के 10 रहस्य

Balaji Mandir: भारत के मंदिर हजारों रहस्यों से भरे पड़े हैं। दक्षिण भारत में बना भगवान तिरुपति बालाजी (Tirupati Balaji) का मंदिर अपने चमत्कारों और अनसुलझे रहस्यों के लिए जाना जाता है। ये मंदिर न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है,,, ,  इसकी मान्यता इतनी ज्यादा है कि एक बार हर कोई यहाँ के दर्शन जरूर करना चाहता है। माना जाता है कि अगर एक बार जो मनोकामना मांगी वो जरूर पूरी होगी। ये मंदिर श्री वेंकटेश्वर स्वामी की है जो भगवान विष्णु के ही अवरार हैं। और इस मंदिर को एक और खास मान्यता के लिए जाना जाता है..    और वो है कि इस मंदिर में लोग अपने बालों का दान किया जाता हैं। लेकिन इसके पीछे वजह क्या है?

इस मंदिर को वेंकटेश्वरैया मंदिर कहा जाता है. यह मंदिर सप्तगिरि की 7वीं पहाड़ी पर बना हुआ  है, जिसे वेंकटाद्री नाम से भी जाना जाता है। यहां भक्त अपनी इच्छा से भगवान के सामने हांडी में अपना दान रखते हैं. इसके साथ ही बाल दान करने के पीछे वजह है कि ऐसा करने से भक्त अपनी सारी परेशानियाँ वहीं छोड़ आते हैं।

मान्यता है ये भी है , कि इस मंदिर में जो मूर्ति है उसको किसी ने बनाया नहीं है बल्कि ये ऐसे ही मिली थी. कहा जाता है भगवान वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर बाल लगे हैं जो एकदम असली हैं। ये बाल कभी भी उलझते नहीं हैं और हमेशा मुलायम रहते हैं।   जो कि वाकई हौरान करने वाली बात है,,,,,   इसीलिए लोगों का मानना है कि, यहां भगवान खुद विराजमान हैं। इस मंदिर से जुड़ी कई रोचक बातें हैं जिन पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल है.

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बालाजी (Balaji) के तिरुपति मंदिर से करीब 23 किलोमीटर दूर एक गांव है। इस गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति कभी नहीं आ सकता। ये वही गांव है जहाँ से भगवान को फूल, दूध-दही,घी-मक्खन प्रसाद के रूप में आता है। इसके अलावा कहीं से आई कोई भी चीज भगवान को नहीं चढ़ाई जाती।  हर गुरूवार को भगवान वेंकेटेश्वर को चंदन का लेप लगाया जाता है और जब इस लेप को हटाया जाता है तो भगवान वेंकेटेश्वर के हृदय में माता लक्ष्मी जी की आकृति दिखाई देती है. लेकिन ऐसा क्यू किया जाता है इस बारे में आजतक कोई नहीं जानता।  सबसे चौकाने वाली बात है कि इस मंदिर में हर समय दिया जलता रहता है लेकिन कभी भी इसमें घी या तेल नहीं डाला जाता है. आज तक पता नहीं लग पाया है कि पहली बार इस दिए को किसने जलाया था.

इस मंदिर में जो लोग जाते है वो भगवान वेंकटेश की मूर्ति पर कान लगाकर जरूर सुनते हैं. कहते हैं इसमें से समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देती है। शायद यही वजह है कि मंदिर में मूर्ति हमेशा नम रहती है. लेकिन ये समुद्र से कैसे जुड़ी है इसके बारे में आज तक कोई नहीं बता पाया. सबसे हैरान करने वाली बात है जब आप भगवान बालाजी के गर्भ गृह में जाकर देखेंगे तो लगेगा कि मूर्ति सेंटर में बनी हुई है  वहीं जब गर्भ गृह के बाहर से आकर देखेंगे तो लगेगा कि मूर्ति दाईं ओर बनी हुई है। यहाँ चढ़ाए  जाने वाले  प्रसाद का भी अपना एक रहस्य है,।     भगवान को जो कुछ भी चढ़ाया जाता है वह कभी बाहर नहीं लाया जाता है. गृभगृह में चढ़ाई गई वस्तु बालाजी के पीछे जलकुंड से बाहर निकलती है जो वहां से करीब 20 किलोमीटर दूर वेरपेडु में है.  भगवान् के इस रूप में लक्ष्मी और विष्णु दोनों बसते हैं. इसलिए यहाँ  बालाजी को स्त्री और पुरुष दोनों के वस्त्र पहनाने की परम्परा है. बालाजी को हर दिन ऊपर साडी और नीचे धोती से सजाया जाता है. कहा जाता है की इस मंदिर में दाहिनी तरफ एक ऐसी छड़ी रखी हुई है जिससे बचपन में बालाजी की पिटाई की जाती थी.

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तिरुपति (Balaji) मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में एक है. इस मंदिर में हर साल करोड़ों रूपए में चढ़ावा आता है.और आपको जानकार हैरानी होगी,,,,,,,,  लेकिन बीते साल में करीब 31 अरब रुपये तक का लोगों ने यहाँ दान किया.

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