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इंटरनेट शटडाउन होता क्या है? | All about internet shutdown

दोस्तों  आप  बिना internet के  कितनी देर रह सकते हैं….1 दिन ….12 घंटे …5 घंटे…1 घंटा या फिर 5 मिनट भी नहीं…….देखा जाए तो दोस्तों अब बिना इंटरनेट दुनिया की कल्पना करना भी मुश्किल है….क्योंकि ये इंटरनेट ही तो है जिसकी मदद से हम जब चाहे अपनों से कनेक्ट हो सकते हैं, अपने हर सवाल का जवाब ढूंढ सकते हैं, मिनटों में ये जान सकते हैं कि दुनियाभर में क्या हो रहा है या सिर्फ मिनटों में लाखों लोगों तक अपनी आवाज पहुंचा सकते हैं ….पर दोस्तों हमारी ये रफ्तार ठप तब पड़ जाती है जब सरकार इंटरनेट शटडाउन करती है..आप में से कई लोग तो शायद ये भी नहीं जानते होंगे कि इंटरनेट शटडाउन होता क्या है ..क्योंकि जब भी इंटरनेट नहीं चलता तो हम दोष डाटा कंपनियों को देते हैं ..

दोस्तों ‘सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर’ की 2018 में इंटरनेट शटडाउन पर रिलीज की गई बुक कहती है कि किसी देश की सरकार दारा किसी शहर या इलाके में  किसी निश्चित टाइम पीरियड के लिए इंटरनेट सेवा को बंद करना इंटरनेट शटडाउन होता है….

अब आप कहेंगे कि क्या हो गया अगर कुछ देर के लिए सरकार ने internet बंद कर भी दिया तो पर दोस्तों क्या आप जानते हैं कि महज कुछ घंटों का शटडाउन आपको बेरोजगार बना सकता है…आपके बिजनेस को ठप कर सकता है और देश में Economic crisis का कारण बन सकता है..…

इंटरनेट शटडाउन क्यों होता है, इसे कौन कराता है और आखिर भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन क्यों हो रहे …दोस्तों आपके हर सवाल का जवाब मिलेगा आपको Factified Special में ..जहां हम आपको बताएंगे Internet Shutdown का पूरा सच वो भी फैक्ट्स के साथ 

क्यों लगाया जाता है इंटरनेट शटडाउन 

दोस्तों आपके मन पहला सवाल यही होगा कि आखिर इंटरनेट शटडाउन किया क्यों जाता है वो क्या वजह होती है कि सरकार इंटरनेट बंद करने पर मजबूर हो जाती है, तो दोस्तों आमतौर पर इंटरनेट शटडाउन इसलिए क्या जाता है ताकि किसी असामान्य स्थिति के दौरान अफवाहों और फर्जी खबरों पर रोक लगाई जा सकें…उदाहरण के लिए किसी शहर या इलाके में किसी वजह से दंगे या हिंसा हो रही हो तो ऐसे में सरकार उस शहर या इलाके का इंटरनेट बंद कर देती है, ताकि व्हाटसअप फेसबुक या ट्विटर के जरिए लोगों को हिंसा से जुड़े मैसेज, पोस्ट या वीडियो ना भेंजे जा सकें…  

दोस्तों अगर आपको याद हो तो किसान आंदोलन के दौरान किसी भी बड़े न्यूज चैनल ने शुरुआत में किसान आंदोलन पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था…तब इंटरनेट की वजह से किसान आंदोलन देश-दुनिया की नजर में आया..लेकिन जैसे-जैसे किसान आंदोलन बढ़ने लगा…सोशल मीडिया पर इसे जुड़ी खबरें और वीडियो भी वायरल होने लगे…जिनमें से कुछ रियल थी तो कुछ फर्जी…सरकार ने दिल्ली के कई इलाकों में इंटरनेट शटडाउन कर दिया ताकि इस आंदोलन से जुड़ी खबरों और वीडियो को बाहर आने से रोका जाए…….इसके अलावा CAB, 370 का हटना और दिल्ली हिंसा ये वो घटनाएं थी जिस दौरान भी इंटरनेट शटडाउन देखने को मिला. 

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पहली बार कब और कहां हुआ था इंटरनेट शटडाउन 

दोस्तों इंटरनेट शटडाउन का पहला केस मिस्त्र में देखने को मिला था… 2011 में मिस्र् की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा था…इस विरोध को देखकर मिस्र् की सरकार घबरा गई और उन्होंने एक हफ्ते तक देश में इंटरनेट बंद कर दिया….इसके बाद से ही दुनियाभर के देशों ने इंटरनेट शटडाउन को अपने खिलाफ उठ रही आवाजों को रोकने के लिए यूज करना शुरु कर दिया  

भारत इंटरनेट शटडाउन की राजधानी 

दोस्तों शायद आपकों ये जानकर थोड़ी हैरानी हो की पिछले सिर्फ 5-6 सालों में वर्ल्ड में हुए इंटरनेट शटडाउन में से 70 प्रतिशत शटडाउन सिर्फ भारत में हुए हैं……दोस्तों सरकार के पास इंटरनेट शटडाउन का भले ही एक वाजिब कारण क्यों ना हो लेकिन एक democratic देश का इतने शटडाउन करना बहुत बड़ी समस्या है …जिसका सबसे ज्यादा असर सिर्फ और सिर्फ आम जनता पर होता है 

  • दोस्तों 2014 से अब तक देश भर के तमाम क्षेत्रों में तकरीबन 357 बार इंटरनेट शटडाउन देखे गए हैं.
  • साल 2014 में देश भर में 6 इंटरनेट शटडाउन  हुए 
  •  2015 में 14
  • साल 2016  में 31
  • और 2017 में  79 इंटरनेट शटडाउन हुए
  • लेकिन 2018 में पूरे देश में 134 इंटरनेट शटडाउन हुए 
  • जो दुनियाभर में हुए इंटरनेट शटडाउन का 67 प्रेसेंट था 
  • साल 2019 में भी 106 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ 
  • तो 2020 में ये आकंडा 75 रहा 
  • 2018-2019 और 2020 लगातार तीन साल भारत सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन करने वाले देशों में नंबर वन पर रहा….

भारत में कौन कर सकता है इंटरनेट शटडाउन 

दोस्तों साल 2017 से पहले जिले के डीएम इंटरनेट बंद करने का आदेश देते थे। 2017 में सरकार ने इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट 1885 के तहत टेम्प्ररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज रूल्स तैयार किए। इसके बाद अब सिर्फ केंद्र या राज्य के गृह सचिव या उनके द्वारा अधिकृत अथॉरिटी इंटरनेट बंद करने का आदेश दे सकते हैं। हालांकि इमरजेंसी में अभी भी लोकल Governace के पास इंटरनेट शटडाउन का अधिकार है…दोस्तों इंडिया में इंटरनेट शटडाउन Crpc की धारा 144 और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5(2) के तहत ही लगाया जाता है 

भारत में इंटरनेट शटडाउन वाले राज्य 

वैसे तो दोस्तों किसी असामान्य स्थिति में कोई भी राज्य इंटरनेट शटडाउन का शिकार हो सकता है, लेकिन भारत के कुछ राज्य ऐसे भी हैं जो आए दिन इंटरनेट शटडाउन का सामना करते हैं 

दोस्तों 2019 में देश में लगे 106 शटडाउन में से 56 शटडाउन तो सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही लगे थे, जिसकी वजह था 370 का हटना…..और ये इंटरनेट शटडाउन लगभग डेढ़ साल चला था और दोस्तों कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा । कश्मीर इंटरनेट शटडाउन को लेकर कोर्ट में एक पेटिंशन डाली गई थी..जिसके फैसले में कोर्ट ने कहा था कि  इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की अनुमति नहीं दी जा सकती….

 जम्मू कश्मीर के अलावा यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान भारत के उत्तर पूर्वी राज्य यानी की असम, मेघालय, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन का सामना किया है । 2018 में राजस्थान में 18 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ 

इंटरनेट शटडाउन का प्रभाव 

दोस्तों आज हर वर्ग हर सेक्टर इंटरनेट पर निर्भर है… ऐसे में जब किसी इलाके में लंबे वक्त के लिए इंटरनेट शटडाउन होता है तो वो स्थान या शहर 5-6 साल पीछे चला जाता है…उदाहरण के तौर पर जम्मू कश्मीर…यहां बार-बार लगने वाले इंटरनेट शटडाउन की वजह से ये राज्य टेक्नॉलोजी में बाकी राज्यों से आज भी पीछे हैं…जो इंटरनेट सुविधाएं आप दूसरे राज्यों में आराम से पा सकते हैं, वो यहां आपको मिलना मुश्किल है…

देश की अर्थव्यवस्था पर चोट 

दोस्तों top10vpn की 2020 की रिपोर्ट कहती है कि साल 2020 में भारत में 1,655 घंटों तक इंटरनेट ब्लैकआउट रहा, 7,272 घंटो की बैंडविथ थ्रॉटलिंग हुई जिसके चलते भारत को  2,779 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। दोस्तों ये आकड़े और ज्यादा हैरान इसलिए करते हैं कि क्योंकि 2020 में भारत में कई महीनों तक लॉकडाउन था लेकिन इसके बावजूद भी भारत में 75 इंटरनेट शटडाउन करने प़ड़े । 

Humans Rights का उल्लघंन 

दोस्तों आज के समय में सोशल प्लेटफॉर्म सबसे आसान और अच्छा तरीका हैं किसी मुद्दे पर अपनी बात को रखने का…या सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने का…और दोस्तों इंटरनेट शटडाउन से सबसे बड़ा नुकसान यही होता है कि आप आपके शहर या इलाके में हो रही किसी असामान्य घटना पर आवाज नहीं उठा पाते…आपकी आवाज शटडाउन के साथ दब जाती है 

बेरोजगारी 

दोस्तों कश्मीर में 2019 में इंटरनेट शटडाउन की वजह से कई बिजनेस ठप हुए 25 साल के Furqan Qureishi’s ने साल 2017 में KartFood का स्टार्टअप शुरु किया जो बिल्कुल जोमोटो की तरह वर्क करता था…लेकिन इंटरनेट शटडाउन ने Furqan Qureishi और उनके Employees को रातों रात बेरोजगार कर दिया…..सिर्फ फुरकान ही नहीं बल्कि कश्मीर की आधी जनता इंटरनेट शटडाउन से बेरोजगार हो गई…

भारत की इंटरनेशनल इमेज पर चोट 

दोस्तों Freedom House 2021 की रिपोर्ट के बारे में तो आपने सुना ही होगा…दुनियाभर के देशों में फ्रीडम रेट बताने वाली इस एजेंसी ने भारत को pARTIAL FREE कहा है…यानी की ऐसा देश जहां लोग पूरी तरह आजाद नहीं है…और इसका एक बड़ा कारण इंटरनेट शटडाउन है…दोस्तों सुप्रीम कोर्ट भी कहता है कि इंटरनेट आज के समय में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का एक मीडियम है…ऐसे में बार-बार इंटरनेट शटडाउन ने भारतीयों से उनके विचारों को रखने की फ्रीडम छिनी है…

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 इंटरनेट शटडाउन का समाधान 

दोस्तों हाल ही में central government ने The Information Technology rules 2021 अनाउंस किए जो इंडिया में Intermediaries and Digital Media Ethics Code को डिफाइन करती है…सरकार का कहना है कि ये इन रुल्स से साइबर क्राइम कंट्रोल होगा..आसानी से हैरसमेंट, Child Abuse और फर्जी खबरों का रोका जा सकेगा…पर दोस्तों यहां पर ये कहीं नहीं कहा गया कि अब सरकार इंटरनेट शटडाउन कम करेगी 

दोस्तों कई बार परिस्थतियों को कंट्रोल करने के लिए इंटरनेट शटडाउन जरुरी भी होता है…..लेकिन शटडाउन से केवल नुकसान 

..लेकिन दोस्तों देखा जाए तो इसका दूसरा समाधान भी निकाला जा सकता है…..दोस्तों सरकार किसी इलाके में पूर्ण इंटरनेट शटडाउन करने की बजाए उस इलाके में उन एप्स को कुछ टाइम के लिेए ब्लॉक कर सकती है जिनके जरिए फर्जी खबरें, अफवाहें और फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे हैं… China, Iran, Syria, and North Korea…दोस्तों ये वो देश है जहां पर फेसबुक, यूट्यूब जैसे एप बैन है , यहां की जनता अपने देश में बने एप्स को ही यूज करती है क्योंकि उन पर सरकार का फुल कंट्रोल होता है…पर दोस्तों देखा जाए तो ऐसा करना भी गलत है…

दोस्तों अब हम रियल से ज्यादा वर्चुअल हो गए हैं ..और हमारी वर्चुअल लाइफ की धड़कन इंटरनेट है, जिसका रुकना यानी की हमारे वर्चुअल वर्ल्ड पर खतरा…ऐसे में इंटरनेट शटडाउन कितना सही है या गलत ये आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं…. आज के लिए Factified Special में बस इतना ही..इस मुद्दे पर आपकी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में बताएं…

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