mostbet casino mosbet4r betpin up india4rabet bangladeshmostbetparimatchmostbetlucky jet1win casino1 win online1 winluckyget1 winmostbet indialucky jet onlinepin up casino indiapin up kzparimatchpin up1 winpin up onlinemostbetpin up casino4x betmosbet casino1win casino1win login1 win casinopin upmostbet aviator loginmostbetmosbet aviator1 win4rabetmosbetmosbetaviator mostbetpin up1 winpin upmostbet casinopinuplucky jet online1win slots1win aviatormostbet1win cassinomostbetaviatoronewinlucky jet

क्या आप जानते हैं की सऊदी अरब में पानी कहां से आता है ?

दोस्तो, जब भी हम सऊदी अरब की बात करते हैं तो तेल की बात तो अक्सर होती है लेकिन पानी की बात अब तेल से ज़्यादा ज़रूरी हो गई है। अगर आप सऊदी अरबिया के नक्से को देखो तो आपको एक भी नदी नहीं दिखेगी सऊदी अरबिया इस दुनिया का सबसे बड़ा देश है जहाँ कोई नदी नहीं है जो भी फ्रेश वाटर इस देश में है वो या तो अंडरग्राउंड है या फिर रेगिस्तान में पाए जाने वाले ओएसिस में पाया जाता है फिर भी इस देश में on an average एक इंसान 250 से 270 लीटरपानी हर रोज़ इस्तेमाल करता है जो की हम इंडियंस की एवरेज कंसम्पशन से डबल हैं। यहां न नदी है न झील। कुंए भी हैं तो तेल के न कि पानी के। पानी के कुंए कब के सूख गए। 

मगर सोचने वाली बात है की जब यहाँ एक भी नदी नहीं तो यहाँ इतना पानी आता कहा से है दोस्तों सऊदी अरबिया में पानी के 2 मुख्य स्त्रोत है । एक है ग्राउंड वाटर और दूसरा है सेलाइन ग्राउंड वाटर तो आपको पता ही है क्या होता है सऊदी की 50% फ्रेश वाटर सप्लाई इसी पानी से होती है लेकिन वज्ञानिक और जियोलॉजिस्ट अनुमान लगा रहे है की अगले 10 साल में सऊदी का सारा ग्राउंड वाटर ख़तम हो जायेगा । 

दूसरा जरिया जिस से सऊदी को पीने लायक पानी मिलता है है समुद्र के खारे पानी से नमक निकाल कर उसे इस्तेमाल लायक बनाना। सऊदी अरब दुनिया में सबसे ज्यादा मात्रा में समुद्री पानी को desaline करता है और इसके लिए उसने कई desalination प्लांट्स भी लगा रखे हैं। तेल के कारण सऊदी अमीर तो है लेकिन पानी की प्यास यहां लगातार बढ़ती जा रही है। सऊदी तेल बेचकर बेशुमार कमाई कर रहा है लेकिन इस कमाई का बड़ा हिस्सा समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने में लगाना पड़ रहा है। 2011 में सऊदी के तत्कालीन पानी और बिजली मंत्री ने कहा था कि सऊदी में पानी की मांग हर साल सात फीसदी की दर से बढ़ रही है और अगले एक दशक में इसके लिए 133 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत पड़ेगी। 16वीं सदी के कवि रहीम का वो दोहा सऊदी अरब पर इस मामले में फिट बैठता है- रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून।

Latest articles

spot_imgspot_img

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img