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वंदे भारत के लास्ट कोच पर क्यों नहीं लिखा होता X

वंदे भारत ट्रेन के लास्ट कोच पर cross का निशान क्यू नहीं होता? और एक ऐसा कब्रिस्तान जहां मशीनें होती है दफन? और क्यों भारत में Ncap को लाया जा रहा है? देखिए इस वीडियो को एंड तक

नंबर-9

अपने कभी नोटिस किया है… Train के लास्ट कोच पर.. X का निशान होता है? लेकिन Vande bharat पर ऐसा क्यों नहीं होता.. सबसे पहले जान ले… Train पर X का निशान Security purpose के लिए होता है… जो बताता है..इसके बाद कोई कोच नहीं है… लेकिन Vande bharat एक हाई स्पीड Train है…. जो पूरी तरीके से Attached है… और खास बात ये है की दोनों साइड से चलती है। इसलिए इसमें क्रॉस का निशान यूज नहीं कर सकते। अब क्युकी ये New Technology पर बेस्ट है। तो इसमें आपको Automatically Door… और हर सीट के नीचे Charging Point की Facility मिलेगी…और आपके सफर को मजेदार बनाने के लिए… TV भी Available है.. जो आपको Normal Train में तो नहीं मिलेगा.. अगर आपका बजट थोड़ा ज्यादा है तो इस Train का मजा ले सकते है।

नंबर-8

क्या आप जानते है…दुनिया में एक ऐसी जगह है.. जहां इंसान नहीं…. बल्कि मशीने दफन होती है…ये सुनकर आपको थोड़ा अजीब लगा होगा… लेकिन सच है.. दरअसल Pacific Ocean में मौजूद point nemo… मशीनों का कब्रिस्तान कहा जाता है… इस जगह आपको ना इंसान मिलेगा… और न एक भी जानवर.. बस यहां आपको आसपास छोटे-छोटे Island देखने को मिलेंगे। जो काफी खतरनाक दिखते है… हैरानी की बात है… इस जगह
International Space Station यानी ISS को भी दफनाने की Planning चल रही है… ये इलाका जमीनी टुकड़े से… 2700 किलोमीटर दूर है.. ये एरिया 1300 फीट लंबा और 4 हाजर मीटर चौड़ा है। जिसमें बड़ी से बड़ी Ship पल भर में गायब हो जाती है। साल 1970 में यहां 300 से ज्यादा Satellites को गिराया जा चुका है.

नंबर-7

ये तो आप जानते है की गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग… यानी Ncap ग्लोबल लेवल पर की जाती… जिससे आपकी गाड़ी की strong capacity का पता चलता.. इसके लिए front crash करते है… और साथ में करते है साइड क्रैश… और इससे दी जाती है सेफ्टी स्टार रेटिंग… लेकिन भारत का NCAP थोड़ा अलग है.. असल में Front और साइड crash test तो है ही.. पर हमारे यहां कई बार गड़िया पोल से भी टकरा जाती है.. और इसलिए इंडिया Ncap में पोल टेस्ट भी होगा। अब क्युकी भारत जो है..दुनिया का third largest Market है..ऐसे में यहां पर दुनिया की सारी कार कंपनी है..और एक गोलबल टेस्ट कराने के लिए काम से कम ढाई करोड़ का खर्च आता है..लेकिन जब ये भारत Ncap में टेस्ट होगा..तो ये काम 60 लाख में हो जाएगा.

नंबर-6

दुनिया में कोई Agency हो चाहे…या कोई कंपनी.. हर किसी का अपना logo होता है.. जिससे पूरी दुनिया में उसकी एक अलग पहचान बनती है.. वहीं अगर आप indian Police का logo देखेंगे..तो ये सिर्फ दो color से बना होता है.. आधे में red आधे में ब्लू.. यहां तक पुलिस की सायरन का कलर भी कुछ ऐसा ही होता है.. पर कभी सोचा ऐसा क्यों.. देखिए पुलिस अक्सर तभी आती है जब वहा कोई emergency हो… या Problem हैंडल करना हो..और logo Red कलर emergency को ही indicated करता है..जो ये बताते है की emergency टाइम में जल्दी action लिया जाए..वही Blue color Law & legal process को दिखता है..और इसी वजह से पुलिस का हूटर भी इसी कलर का रखा जाता है.. वैसे एक बात बता दे हर पुलिस emergency situation में जल्दी करवाई नहीं करती..पुलिस पर depend करता है…वो कौन सा डिसीजन लेंगे।

नंबर-5

गाड़ी चाहे Petrol wali हो या डीजल वाली.. चलने में दोनों ही धुआं छोड़ती है… और दोनों ही Fuel Pollution फैलाने में आगे है…. वहीं ऐसे में लोग डीजल और पेट्रोल को छोड़कर CNG car में शिफ्ट हो गए है… और जिनके पास पेट्रोल कार है..वो CNG Convert करा चुके है..ऐसे में सवाल ये आता क्या सच में पेट्रोल डीजल के मुकबाले CNg काम Pollution करती है…या ज्यादा..देखिए CNG पूरी तरीके से Pollution Free नहीं है.. लेकिन हां ये उन दोनों मुकबाले कम Pollution फैलती है..क्युकी इसका मेन कंपोनेट Mithen..और इसमें बेंजीन एंड और जैसे कैमिकल नही होते है.. जिसकी वजह से जलने पर ये कम अमाउंट में कार्बन डाइऑक्साइड, छोड़ता है.

नंबर-4

मान लो आपको एक जगह से दुसरी जगह जाने हो.. रास्ता आपको पता नहीं। और रियल टाइम GPS भी न हो। ऐसे में आप Google MAPS का ही यूज करोगे। लेकिन कभी सोचा है Google MAPS हमारे लिए कैसे बना? और कैसे ये सही रास्ता आपको दिखा देते है..दरअसल जब साल 2008 में गूगल की शुरआत हुई… तब इसपर Location अधूरी हुआ करती थी। क्योंकि गूगल navigation के लिए स्टीर्ट Name यूज करता था..लेकिन इंडिया में सभी Street के नाम नहीं होते..और होते भी है तो लोगों को पता नहीं होता। ज्यादातर केस में Official नाम अलग होते थे… लेकिन फिर भी इसे Navigate किया जाता था.. और उसी को गूगल ने catch कर लिया। इसके बाद गूगल ने अपने Customers से तालमेल बिठाया। ताकि गूगल अपने Customers की Need को समझ सके.. और यही चीज गूगल मैप Improve करने में हेल्प कर पाई।

नंबर-2

जैसे भारत के पास Moon के लिए Chandrayaan है..मार्स के लिए Mangalyaan है..स्पेस के लिए Gaganyaan..और venus के लिए शुक्रयान है..वैसे ही हम Earth के समुंद्र में Samudrayaan भेजने वाले है.. जिसमें तीन इंसानो को समुंद्र से 600 हजार मीटर नीचे ले जाएंगे… जिसकी मदद से समुंदरी सतह की Biodiversity को एक्सपोलर किया जाएगा… जो 2026 में लॅान्च होगा.. जिसके लिए 447 करोड़ रुपये का बजट रखा है..

नंबर-1

वैसे तो लगजरी जेट की बात आए तो सबसे पहले दिमाग में अंबानी और टाटा ही आते है। लेकिन यहां ऐसा नहीं है। दुनिया का सबसे luxury जेट रियल एस्टेट टाइकून जोसेफ लाउ के पास है। और इनके पास अंबानी से भी ज्यादा भर-भर के पैसा है..यानी 10.3 बिलियन पाउंड… अगर इनके luxury जेट ‘फ्लाइंग मेंशन की बात करें… तो इसमें बैठकर आपको Royal वाली Feeling ले सकते है। इसमें बेडरूम, डाइनिंग रूम से लेकर एक मास्टर सुइट भी है… और तो और सोने की सिढ़िया और शानदार इंटरिर डिजाइन… जो लोगों को Attractive करता है… अगर आपको Economic क्लास में जाना पंसद नहीं है… और आपका बजट ज्यादा है तो इसका मजा ले सकते है… वैसे तो इसने सबसे पहले साल 2005 में उड़ान भरी थी। ये बोइंग 747-8 दुनिया का सबसे लग्जरी जेट माना जाता है..

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