mostbet casino mosbet4r betpin up india4rabet bangladeshmostbetparimatchmostbetlucky jet1win casino1 win online1 winluckyget1 winmostbet indialucky jet onlinepin up casino indiapin up kzparimatchpin up1 winpin up onlinemostbetpin up casino4x betmosbet casino1win casino1win login1 win casinopin upmostbet aviator loginmostbetmosbet aviator1 win4rabetmosbetmosbetaviator mostbetpin up1 winpin upmostbet casinopinuplucky jet online1win slots1win aviatormostbet1win cassinomostbetaviatoronewinlucky jet

एक ऐसा Generator जिसमें यूज होता है यूरिन?

एक ऐसा Generator जिसे चलाने के लिए होता है यूरिन यूज? और कभी सोचा है की iPhone में आई का मतलब क्या होता है? और तो और BH नाम की Number Plate किसे दी जाती है..तो चलिए जानते है इस वीडियो इन सभी सवालों के जवाब में…

नंबर-7

दुनिया में एक ऐसा Generator भी है जो पेट्रोल, डीजल से नहीं बल्कि इंसान के यूरिन से चलता है। ये जानकर आपको थोड़ा अजीब जरूर लगेगा। लेकिन Nigeria की रहने वाली चार STUDENT ने ऐसा कर दिखाया है। जिस देश को सबसे गरीब माना जाता है.. वहां की रहने वाली 14 साल की लड़कियों इस Generator  को बनाया है। इसकी खसियात ये है की ये एक लीटर यूरिन से 6 घंटे तक की बीजली Produce कर सकता है। इसके लिए सबसे पहले  यूरिन को एक Electrolytic cell में डाला जाता है.. जो यूरिन में hydrogen को अलग कर देता है। अलग करें हुए hydrogen को फिर फिल्टर करने के लिए वाटर फिल्टर से गुजरा जाता है। उसके बाद सारी गैस को एक सिलेंडर में  तैयार किया जाता है। फिर उस गैस को liquid borax calendar में डाला जाता है,जिससे सारी भप खत्म कर दी जाती है। और फिर इस सिलेंडर को यूज में लिया जाता है। 

नंबर-6

Apple अपने Iphone में हमेशा I ही क्यों लगता है। और कुछ क्यूं नहीं। दरअसल 1998 में जब apple ने new 6 जेनरेशन macintosh computer बनया था। तो उसमें दुनिया का सबसे पहला 15 inch का डिस्प्ले था। Vibratnat कलर लुक थे। और इसमें 4gb का storage भी था। जिसके बाद इसे नाम देने के लिए एक meeting बुलाई गई। जिसमे स्टिब जॉब ने MacMan नाम final किया। लेकिन तभी apple के advertisement director Ken Sigal ने एक नया नाम सजेस्ट किया। वो था imac। अब ये iMac ही क्यों रखा इसके पीछे भी एक वजह थी। क्युकी उस टाइम इंटरनेट boom हो रहा था। और इस new macintosh का usp भी यही था। की ये इंटरनेट को बाकी कंप्यूटर से बेहतर support करता था। जो इन्होंने इंटरनेट का i और Macintosh का mac निकलकर iMac बना दिया। और इस i को इन्होंने अपने maximum product पर यूज करना स्टार्ट कर दिया।

नंबर-5

आजकल आप गाड़ियों में BH number plate की series तो देख रहे होंगे। लेकिन ये BH है क्या? हां इसको आप बिहार मत समझ लेना क्योंकि उसके लिए तो BR number plate है। असल में BH का मतलब भारत है। ये ऐसा लोगों के लिए होती है जो नौकरी पेशा है और उनका Transfer एक शहर से दूसरे शहर होता रहता है। इससे बार-बार गाड़ियों का Transfer रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होती। मतलब आप कह सकते है की आप  BH नंबर से पूरे इंडिया में कही भी घूम सकते है। Normally आप एक स्टेट से दूसरे स्टेट जा रहे हो तो आपको Transfer Registration करना पड़ता है। लेकिन BH number मिलने के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा। और आपको कोई रोके भी नहीं। BH plate को वहीं लोग लगा सकते है जो State और Central Government Employees, Bank employee, defense sector में काम करते हो। और private employee तभी Eligible होंगे जब उनके OFFICE चार से ज्यादा राज्य में हो। 

नंबर-4

वैसे तो हर टीम के पास अपनी हर मैच की जर्सी और जिसमें थोड़ा बहुत चेंज होता रहता है..लेकिन न्यूजीलैंड टीम ऐ ऐसा क्यों नहीं करती? और क्यो क्रिकेट हो या दूसरे खेल हमेशा ब्लैक कलर की ही जर्सी पहनती है? आइए बताते है..दरअसल साल 1892 में पहली बार रगबी फुटबॉल यूनियनव बनाई गई थी, उस वक्त भी न्यूजीलैंड को काली जर्सी मिली थी.. क्योंकि यह फैसला सबकी मर्जी जानकर लिया गया था..और तो और जब 1920 में न्यूजीलैंड ने  पहली बार ओलंपिक खेला उसमें भी एथलीट्स ने ब्लैक जर्सी को ही पहना.. ताकि टीम न्यूजीलैंडर को पहचाना जा सके.. और तो और उस दौरान काले रंग की जर्सी पहनने वाले एथलीट्स ने मेडल भी जीते और उसके बाद से ये हर मैच में कलर कॉमन हो गया..

नंबर -3

भारत में एक ऐसा भी शहर है जहां आपको रहने के लिए पैसों की जरूरत नहीं पड़ती। और तो और यहां के लोग किसी धर्म को नहीं मानते। ये बात सुनकर आपको अजीब लगी होगी। लेकिन ये सच है..Chennai से 150 किलो मीटर दूर Auroville में आप फ्री जाकर रह सकते है। इस सिटी की स्थापना साल 1968 में की गई थी। यहां की खास बात ये है की इसे भोर का शहर यानी सिटी ऑफ don कहते है। इस सिटी को बसाने का मकसद था की यहां के लोग बिना किसी जात पात, और भेदभाव के रह सके। इस जगह कोई भी आकर रह सकता है। लेकिन इसकी एक शर्त है। आपको यहां राजा नहीं बल्कि एक सेवक बनकर रहना पड़ता है। बता दें ना तो यहां कोई धर्म है, ना पैसा और न कोई सरकार। अगर आप भी ऐसा माहौल में रहना चाहते है। तो ये जगह आपके लिए है।

नंबर-2

अपने दमदार बैस की बदलौत Music को हसीन बनाने वाला ये पिद्दी सा Airpods कैसे बनता है? जिसे कान में लगाते ही छपरी लोग भी फैशन झड़ने लगते है..सबसे पहले इसकी Body को बनाने के लिए Modeling machine में डाला जाता है..फिर बारी आती है Airpods के Power Hose कहे जाने वाली बैटरी की, तो उसके लिए एक बड़े से कंटेनर में Black lithium के साथ कुछ और केमिकल मिलाकर पेस्ट बनते है। और उसे polymer sheet के उपर लगाया दिया जाता है। जो सुखने के बाद Testing के लिए machine में डाल  जाता है। इसके बाद इन्हें एक Rolling बंडल में डालकर तैयार कर लेते है। और उसके बाद Copper sheet और lithium sheet को बरीक काटकर इसे Assemble करते है। और फिर बढ़े ध्यान से दोनों हिस्सो को जोड़ते है। और आखिर में Sheet के इंटरनल हिस्से को बैटरी पर बैक कर देते है। और पीले टैप की मदद से बैटरी को तैयार कर देते है। फिर उसके बाद रेडी होता है pcb। जिसमे आपको कई फीचर देखने को मिलते है। इसे पहले कॉपर और conveyor belt पर रखकर कई छेद करते है। और उसके बाद तैयार करते है Circuit का Diagram। फिर इन पर ट्रैक पेंटिंग की जाती है। जिसके लिए एक मशीन में इन्हें डालते है। और इसके बाद इसका एचिंग प्रॉसेस रेडी होता है। जिसमे सेंसर के थ्रो pcb की जांच होती। फिर ग्रीन पेंट होता है जिसे शॉर्ट सर्किट न हो। अब ये रेडी और pcb के साइज़ के हिसाब से उसने fix कर दिया जाता है। 

नंबर -1

इटली के बोलोग्ना में मौजूद गैरीसेंडा टॉवर दुनिया का सबसे बड़ा टावर है। और इसे आइकॉनिक पीसा भी कहते है। खास बात तो ये है इसे हजार साल पहले टेढ़ा बना दिया गया था। जो उस वक्त के लिए तो ठीक था..लेकिन अब ये खतरे में आ गया। जी हां इटली का ये शानदार टावर अब कभी भी गिर सकता है। 150 फीट लंबा ये टावर दिन बा दिन झुकता जा रहा है।

Latest articles

spot_imgspot_img

Related articles

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_imgspot_img