आखिरकार क्यू बड़ी बड़ी Tech Companies स्टाफ की छंटनी कर रही हैं, पहले एलोन मस्क ने ट्विटर खरीदते ही आधे एमपलोईज को कंपनी से निकाला, फिर मेटा ने 11 हजार कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और अब अमेजॉन भी 10 हजार एमपलॉयज को निकालने का प्लान बना रहा है, पर आखिर ऐसा क्यूँ है कि दुनिया की सबसे बड़ी टेक कम्पनीस इतने ज्यादा एमपलोएज को एक साथ निकाल रही है चलिए डीटेल में इसके बारे में जानते हैं।
Tech Companies
देखा जाए तो सिर्फ ट्विटर, मेटा और अमेजॉन जी नहीं बल्कि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इंटेल, स्नैपचैट और नेटफलिक्स जैसी विदेशी Tech Companies ने भी स्टाफ मे छंटनी की है, यहाँ तक की टेक महिंद्रा और विप्रो जैसी इंडियन कम्पनीज़ ने भी अपने स्टाफ को काम किया है। बात ट्विटर से शुरू की जाए तो एलोन मस्क ने हाल ही में ट्विटर को टेक ओवर किया और सबसे पहले एमपलॉयज की ही छंटनी की, जब एलोन मस्क ने ट्विटर को टेक ओवर किया था तब वहाँ 7500 एमपलॉयज काम कर रहे थे पर मस्क के आते ही 3700 लोगों को बाहर कर दिया गया, इसमे ट्विटर के सीईओ भारत के पराग अग्रवाल भी शामिल थे। पर ट्विटर में हुई छंटनी को लेकर ये समझा गया की ये कंपनी का ओनर बदलने की वजह से हो रहा है।
पर ट्विटर में छंटनी के बाद ये सिलसिला वहीं नहीं रुक बल्कि उसके बाद ही कई अलग अलग Tech Companies मे भी छंटनी की खबरें सामने आने लगी, जिसमे फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्स एप की पैरेंट कंपनी मेटा भी शामिल है। मेटा में भी बहुत बड़ी छंटनी होने का ऐलान मेटा के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने किया, उन्होंने कंपनी से 11 हजार एमपलॉयज को निकालने की बात कही, और ये मेटा कंपनी के 18 सालों के इतिहास में होने वाली सबसे बड़ी छंटनी है, मार्क जकरबर्ग ने स्टाफ छंटनी की बात को बताते हुए ये भी कहा की कंपनी की इस हालत के जिम्मेदार वो खुद ही हैं, उन्होंने कहा ये उन्ही के लीये फैसलों का नतीजा है कि कंपनी आज इस हालत में है, वैसे तो पिछले कई सालों से फेसबूक घाटे में चल रहा है, उस नुकसान की भरपाई करने के लीये ही मार्क जकरबर्ग ने फेसबूक की री ब्रांडिंग करके उसे मेटा नाम दिया था, उन्हे इस बात पर ओवर कॉन्फिडेंस हो गया था कि कंपनी री ब्रांडिंग का का ये आइडिया दुनिया भर में धूम मचा देगा पर अफसोस ऐसा नहीं हुआ, बल्कि री ब्रांडिंग के चक्कर मे कंपनी का खर्च बहुत ज्यादा हुआ, स्टाफ की भी ओवर हायरिंग हो गई, और अब हालत ये है की कंपनी से एक बहुत बड़े स्टाफ की छंटनी करनी पड़ी है।
हालांकि निकाले गए स्टाफ को अगले चार महीने की सैलेरी मेटा दे रहा है,पर फ़ेसबुक का नाम बदलकर मेटा रखने पर जकरबर्ग को इतना ज्यादा नुकसान हुआ है की जहां हमेशा जकरबर्ग दुनिया के दस सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में रहा करते थे वो अब 29 वे पायदान पर खिसक कर आ गए हैं। अब इस छंटनी से जकरबर्ग कंपनी को फिर से ट्रेक पर लाने में कामयाब होते हैं या नहीं ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
पर फिर दुनिया भर को हैरान कर देने वाली खबर ये सामने आई की ट्विटर और मेटा के बाद अब अमेजॉन (Tech Companies) भी इसी तरह की बड़ी छंटनी करने जा रहा है, अमेजॉन भी 10 हजार के लगभग एमपलॉयज को कंपनी से निकाल रहा है, जिसका कारण अमेजॉन ये बता रहा है की पिछले काफी टाइम से कंपनी प्रॉफ़िट कमाने में नाकामयाब रही है, फेस्टिव सीजन भी कंपनी को लॉस से निकालने में सफल नहीं हो सका, इसमे भी खासकर अलेक्सा से जुड़ा बिसनेस अमेजॉन का काफी ज्यादा लॉस में है इसीलिए कंपनी कोस्ट कटिंग के लीये इतनी बड़ी छंटनी करने जा रही है, दुनिया भर में अमेजॉन कंपनी में करीब 1.6 मिलियन एमपलॉयज काम करते हैं जिसमे से अमेजॉन 10 हजार लोगो को निकाल रहा है। देखा जाए तो ये कंपनी के एमपलॉयज का 1 पर्सेंट हिस्सा भी नहीं है पर हाँ ये अमेजॉन कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी जरूर है।
इन तीन Tech Companies की छंटनी की खबर से टेक वर्ल्ड में काफी खलबली मची हुई पर इसके अलावा भी कई सारी बड़ी टेक कम्पनीस ने छंटनी की है उनके बारे में भी जान लीजिए की किस कंपनी ने अपने कितने एमपलॉयज की छंटनी की है।
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नेटफलिक्स का पासवर्ड शेयर कर कर के तो सबने खूब नेटफलिक्स कंटेन्ट को इन्जॉय किया है पर इससे नेटफलिक्स को काफी समय से काफी घाटे का सामना करना पडा हैं, दरअसल पिछले काफी टाइम से नेटफलिक्स लगातार अपने रेगुलर सब्सक्राइबर्स को खो रहा है, यूक्रेन और रूस का युद्ध भी लाखों सब्सक्राइबर्स घटने का कारण बना था, कंपनी काफी टाइम से खुद को इस सिचूऐशन से निकालने की कोशिश भी कर रही थी पर अब जाकर नेटफलिक्स ने अपने स्टाफ मे छंटनी की है नेटफलिक्स ने करीब 500 एमपलॉयज को कंपनी से निकाला है।
इसके आलवा स्नैपचैट ने भी लगभग 1000 एमपलॉयज को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखाया है, स्नैपचैट के स्टॉक्स मे भी पिछले दिनों 40 परसेंट की गिरावट हुई थी।
Tech Companies माइक्रोसॉफ्ट तो इस साल कंपनी का प्रॉफ़िट के घटने की वजह से जुलाई से ही छंटनी शुरू कर चुकी थी और अब तक कंपनी अपने करीब 1 पर्सेंट एमपलॉयज की छंटनी कर चुकी है।
इसी तरह से शॉपीफाई भी 10 पर्सेंट स्टाफ की कटौती करके करीब 1000 एमपलॉयज को निकाल चुका है, इंटेल 20 पर्सेंट, सी गेट 8 पर्सेंट और ओपनडोर करीब 18 पर्सेंट स्टाफ को हटाने की तयारी में है।
बात अगर इंडियन Tech Companies की करें तो टेक महिंद्रा ने 1.4 पर्सेंट हेडकाउंट को घटाया है, वहीं विप्रो ने कोस्टकटिंग के चलते 6.5 पर्सेंट वर्क फोर्स को कम किया है, और जो कम्पनीज़ एमपलॉयज की छंटनी नहीं कर रही है उन्होंने नई हाइरिंग को पूरी तरह से फिलहाल बंद कर रखा है।
ये सभी आँकड़े बता रहे हैं मंदी का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है, ज्यादातर Tech Companies एमपलॉयज छंटनी की वजह कॉस्ट कटिंग को बता रही हैं, ये भी कहा जा रहा है की कोरोना के दौर में कम्पनीज़ ने अपने काम के टार्गेट्स को पूरा करने के लीये बहुत से एमपलॉयज को हायर कर लिया था पर अब जब वो सभी प्रापर जॉब पर कंपनी में आ गए हैं तो कम्पनीस में ओवर हाइरिंग हो गई और अब छंटनी करके उसे ही बैलेंस किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना के असर से अभी भी दुनिया जूझ रही है उस नुकसान को भर पाने में अभी तक बड़ी बड़ी कम्पनीस भी सक्षम नहीं हो पाई है, उसके बाद रूस और यूक्रेन के युद्ध ने भी दुनिया भर को प्रभावित किया है, पूरी दुनिया इस मंदी को अगर झेल रही है तो आने वाला वक़्त काफी मुश्किल हो सकता है।
तो आप अब समझ ही गए होंगे की दुनिया भर की बड़ी से बड़ी Tech Companies क्यू एमपलॉयज की छंटनी कर रही है, उनके कारण आपको ये वीडियो देख कर पता चल ही गए होंगे , आपका इसके बारे में क्या विचार है कमेंट्स में बताइए और अगर इनमे से किसी भी कंपनी में आप काम करते है जहां छंटनी हुई है तो आप उसके बारे में और जानकारी भी हमारे साथ शेयर कर कर सकते हैं.